अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और मौत के मामले को योगी सरकार की सिफारिश के 7 दिन बाद CBI ने टेकओवर कर लिया है। इस बीच, सोमवार यानी 12 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में इस केस की सुनवाई होनी है।
हाईकोर्ट ने खुद नोटिस लेकर केस में यूपी के शीर्ष अफसरों समेत हाथरस के डीएम और एसपी को तलब किया है। पीड़ित परिवार को भी गवाही के लिए बुलाया गया है। इसलिए आज कड़ी सुरक्षा में पीड़ित परिवार के पांच सदस्यों को गवाही देने के लिए प्रशासन हाथरस से लखनऊ लाएगा।
हाथरस जिला प्रशासन दोपहर में पीड़ित परिवार को बुलगढ़ी गांव से लेकर लखनऊ रवाना होगा। हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से विनोद शाही पैरवी करेंगे। परिवार के हर सदस्य और गवाहों की सुरक्षा के लिए 2-2 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
परिवार की महिला सदस्यों के लिए महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती की गई है। परिवार की मुलाकात भी आज ही शाम तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराए जाने की चर्चा है, लेकिन अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है।
इस केस की जांच CBI लखनऊ यूनिट की गाजियाबाद की टीम करेगी। CBI ने पुलिस से सभी दस्तावेज मांगे हैं। अब तक के बयान और साक्ष्यों के बारे में जानकारी लेने के बाद CBI ने मुख्य आरोपी संदीप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
सीबीआई ने धारा 307, 376 डी, 302, एससी/एसटी ऐक्ट की धारा 3 के तहत केस दर्ज किया है। जांच के लिए CBI की एक टीम गठित की है। इससे पहले 3 अक्टूबर को सीएम के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने हाथरस में पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। इसके बाद CBI जांच की सिफारिश की गई थी।
हाथरस में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की लड़की के साथ गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।