
सूर्योदय भारत समाचार सेवा : होली का त्योहार नज़दीक आते ही हवा में उमंग, रंगों की चमक और मिठास घुलने लगती है। यह एक ऐसा समय है जब लोग साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं और ज़िंदगी के हर रंग को पूरे जोश के साथ जीते हैं। एक ओर जहाँ लोग रंगों और हंसी के ठहाकों में सराबोर होने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं शेमारू उमंग के चहेते सितारे भी अपने बचपन की होली की यादें ताज़ा कर रहे हैं और यह साझा कर रहे हैं कि इस साल वे होली कैसे मनाने वाले हैं।
‘मैं दिल तुम धड़कन’ में वृंदा का किरदार निभा रही अभिनेत्री राधिका मुथुकुमार के लिए होली सिर्फ़ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि भावनाओं से भरा एक एहसास है। वे कहती हैं, “होली हमेशा से मेरा पसंदीदा त्योहार रहा है, क्योंकि यह खुश रहने और जीवन के हर रंग चाहे वह दुख हो या सुख को मिलकर साथ जीने का संदेश देता है। बचपन में मैं सुबह जल्दी उठकर अपने रंग तैयार करती थी और दोस्तों के घर दौड़ पड़ती थी। एक-दूसरे पर रंग डालना, धमाकेदार गानों पर नाचना और स्वादिष्ट मिठाइयाँ खाना, ये सब यादगार पलों का हिस्सा थे। होली प्रेम, खुशी, नई शुरुआत और शांति का प्रतीक है। हर रंग का अपना एक अर्थ है, जैसे जीवन की भावनाएँ। चाहे ज़िंदगी कितनी भी व्यस्त हो जाए, मैं हमेशा अपने परिवार और दोस्तों के साथ होली मनाने की कोशिश करती हूँ और इस त्योहार के हर रंग को दिल से अपनाती हूँ!”
‘बड़ी हवेली की छोटी ठकुराइन’ में जयवीर का किरदार निभा रहे शील वर्मा के लिए होली का मतलब परिवार और दोस्तों का साथ मस्ती और माँ के हाथों से बनी स्वादिष्ट गुजिया है। वे बताते हैं, “बचपन में मैं पूरे साल होली का इंतज़ार करता था। दोस्तों के साथ रंगों की प्लानिंग करना और अचानक एक-दूसरे को रंग लगाकर चौंका देना, ये सब बहुत मज़ेदार था। एक बार तो मैंने गलती से भांग पी ली थी और घंटों नाचता रहा, आज भी वह वाकया याद कर हँसी आ जाती है! होली हमें ज़िंदगी की परेशानियों को भूलकर खुलकर जीने का संदेश देती है। यह त्योहार हमें जोड़ता है, हमें एक-दूसरे के और क़रीब लाता है। इस साल भी मैं अपने परिवार और दोस्तों के साथ रंग, संगीत और मस्ती के साथ इस त्योहार को मनाने के लिए उत्साहित हूँ!”
‘जमुनीया’ शो में मधुमिता का किरदार निभा रही रानी चटर्जी के लिए होली का मतलब है बचपन की वे यादें जब पूरा परिवार साथ में त्योहार मनाता था। वे कहती हैं, “मुझे याद है कैसे हम भाई-बहन सुबह-सुबह पिचकारी और रंग लेकर घर से भाग निकलते थे और जिसे देखते थे, उसे रंगों से सराबोर कर देते थे। गलियों में हँसी-ठिठोली, ढोल की आवाज़ और पकवानों की खुशबू चारों ओर फैली रहती थी। आज भी उन मासूम पलों को याद करके दिल खुशी से भर जाता है। होली का असली अर्थ प्रेम बाँटना, खुशियों को गले लगाना और हर नकारात्मकता को छोड़ देना है। यह त्योहार हमें अपने अपनों से जोड़ता है, ज़िंदगी के हर रंग का आनंद लेने की प्रेरणा देता है!”
तो इस होली, अपने अपनों के साथ मिलकर खुशियों के रंगों में डूब जाइए और इन ख़ास पलों का आनंद लीजिए! साथ ही, देखना न भूलें ‘मैं दिल तुम धड़कन’ रात 8:30 बजे, ‘जमुनीया’ रात 8 बजे और ‘बड़ी हवेली की छोटी ठकुराइन’ रात 9:00 बजे, हर सोमवार से शनिवार, सिर्फ़ शेमारू उमंग पर!