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डॉ. सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान में उल्लास से मनाया गया दीक्षांत परेड समारोह

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : परेड के दौरान मंच से गुजरते हुए प्रत्येक कदम शरीर में रोमांच और गर्व का संचार करता है, जो अनुशासन, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। कारागार विभाग की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियों को निभाने के लिए आप सभी पूरी तरह सक्षम हैं, और मैं भविष्य के लिए आप सभी को शुभकामनाएँ देता हूँ। यह बात मंगलवार को प्रदेश के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश के 40 प्रशिक्षु डिप्टी जेलर (119वाँ सत्र) तथा 128 प्रशिक्षु जेल वार्डर (उ0प्र0 के 72 तथा उत्तराखंड के 56) के 176वें सत्र संवर्ग के कार्मिकों की दीक्षांत परेड के अवसर पर डॉ. सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान, लखनऊ में कही।
कारागार मंत्री ने कार्यक्रम में मान प्रणाम स्वीकार किया और निरीक्षण वाहन से परेड का निरीक्षण किया। प्रथम परेड कमाण्डर के रूप में डिप्टी जेलर संवर्ग के राजेंद्र कुमार मिश्रा ने उत्कृष्ट नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने अपने संबोधन में सभी प्रशिक्षु डिप्टी जेलर और जेल वार्डरों को हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए उनकी कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने बताया कि ’डॉ. सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान, लखनऊ, 1940 में स्थापित होने के बाद एशिया का पहला जेल प्रशिक्षण संस्थान बना, जहाँ न केवल भारत बल्कि नेपाल, तंजानिया, सूडान जैसे देशों के कारागार कर्मियों ने भी प्रशिक्षण प्राप्त किया। अब तक 1,679 अधिकारी और 13,149 जेल वार्डर इस संस्थान से प्रशिक्षित होकर सेवा में योगदान दे चुके हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक कारागार पी. वी. रामा शास्त्री ने सभी प्रशिक्षुओं को दीक्षांत परेड की सफलता पर बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने बताया कि ’प्रशिक्षण के दौरान आचरण नियम (Conduct Rules), नए आपराधिक कानून (New Criminal Laws), जेंडर संवेदीकरण (Gender Sensitization), ई-प्रिज़न (E-Prison), मनोविज्ञान (Psychology), अपराधशास्त्र (Criminology), समाजशास्त्र Sociology), जेल मैनुअल (Jail Manual) आदि विषयों पर गहन अध्ययन कराया गया। पहली बार पुलिस विभाग के साथ तालमेल बैठाते हुए प्रशिक्षुओं को पुलिस अकादमी, मुरादाबाद में एक सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिससे उनकी व्यावहारिक दक्षता में वृद्धि होगी। इसके साथ ही, तीनों नए आपराधिक कानूनों (BNS, BNSS, BSA) पर गहन प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, ताकि आधुनिक न्याय प्रणाली की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षु अधिकारी और कर्मी अपने कर्तव्यों का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर सकें।
इस वर्ष के प्रशिक्षु डिप्टी जेलरों में 13 महिला अधिकारी शामिल हैं, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है। प्रशिक्षुओं की शैक्षणिक योग्यता भी उल्लेखनीय रही, जिसमें 13 बीटेक, 2 एमटेक, 7 बीएए 5 एमए., 11 बीएससी और 2 एमएससी डिग्री धारक शामिल हैं। प्रशिक्षण सत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बेस्ट कैडेट डिप्टी जेलर संवर्ग में अनन्या अत्री और जेल वार्डर संवर्ग में उत्तराखंड के प्रदीप सिंह को चुना गया। प्रशिक्षु अधिकारियों के परिजनों ने भी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में भाग लिया।

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