अशाेक यादव, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार की नीतियां कारपोरेट की पोषक हैं। तीन कृषि अधिनियम बनाकर भाजपा सरकार ने किसानों के हितों पर गहरी चोट की है। इससे देश का किसान आंदोलित और आक्रोशित है। समाजवादी पार्टी किसानों के संघर्ष में उनके साथ है। भारत बंद में भी समाजवादी पार्टी किसानों के पक्ष में खड़ी रही।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह हैं। 23 दिसम्बर 2020 को उनकी जयंती है। समाजवादी पार्टी इसे ‘किसान दिवस‘ के रूप में मनाएगी। 25 दिसम्बर 2020 को समाजवादी किसान घेरा का आयोजन होगा। गांव के स्तर पर किसानों के बीच अलाव जलाकर समाजवादी नेता भाजपा की किसान विरोधी नीतियों का पर्दाफाश करेंगे। 25 दिसम्बर 2020 को महाराजा बिजली पासी जयंती मनाई जाएगी।
किसानों की खेती कारपोरेट के हाथों गिरवी रखने तथा खेती पर से किसानों का स्वामित्व छीनने के लिए भाजपा सरकार तीन नए कानून ले आई है। इस कानून से किसान का हक और सम्मान दोनों छिन जाएंगे। इसलिए पूरे देश में किसान आंदोलन चल रहा है।
समाजवादी पार्टी किसान को भाजपा की कुनीतियों से अवगत कराने के लिए ही समाजवादी पार्टी किसान घेरा कार्यक्रम का आयोजन कर रही है क्योंकि भाजपा नेतृत्व किसानों में भ्रम और भय फैलाकर अपनी राजनीतिक स्वार्थ पूरा करना चाहता है। किसानों को भाजपा नेता बदनाम कर रहे हैं। इस सबके खिलाफ समाजवादी पार्टी संघर्षरत है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को संतकबीरनगर में हुई वर्चुअल रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा किसानों को डराना चाहती है। किसान डरने वाला नहीं है। 4 लाख करोड़ का निवेश कहा हुआ, पता नहीं।
गोरखपुर में एम्स आयुर्विज्ञान संस्थान अभी तक बन नहीं पाया। श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार जाति के आधार पर निर्णय लेती है। झूठे मुकदमें लगाती है। बदले की भावना से उत्पीड़न करती है।
समाजवादी नेताओं को जेल में रखकर द्वेषवश पीड़ित किया जाता है। उन्होंने कहा कि समाजवादियों का सीधा संबंध खेती से है। समाजवादी झुकने या डरने वाले नहीं है। समाजवादी पार्टी अन्याय के विरूद्ध संघर्षरत है।