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कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन तेज, किसानों ने शुरू की भूख हड़ताल

किसान नेताओं ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की और कहा कि सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा। इस बीच, दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन से और लोगों के जुड़ने की संभावना है।

किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सिंघु बॉर्डर पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी रविवार को कहा था कि वह सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से ‘‘अहम त्यागने और कानूनों को रद्द करने’’ की अपील की थी।

किसानों के एक बड़े समूह ने हरियाणा-राजस्थान सीमा पर पुलिस द्वारा रोके जाने पर रविवार को दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया था। राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के तहत सोमवार को किसानों का देश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना देने का कार्यक्रम है। राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है।

भारतीय किसान यूनियन एकता के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के 32 किसान यूनियन के एक दिन के अनशन के फैसले से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह भूख हड़ताल नहीं करेंगे। सुखदेव ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी। सुखदेव ने कहा कि हम एक दिन का अनशन नहीं करेंगे।

सुखदेव ने कहा कि हमने कुछ गलत नहीं किया। हमने केवल बृहस्पतिवार को ‘मानवाधिकार दिवस’ पर एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी।

भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर सोमवार को सभी जिला मुख्यालयों पर संगठन के कार्यकर्ता धरना- प्रदर्शन कर रहे हैं। जनपद गौतम बुद्ध नगर के सूरजपुर स्थित जिला मुख्यालय पर भी भाकियू पदाधिकारियों ने धरना देकर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की और अपना विरोध जताया।

भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह ने बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में दलित प्रेरणा स्थल पर कई किसान एक दिन का सांकेतिक भूख हड़ताल कर रहे हैं। चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (भानु) का धरना-प्रदर्शन 14वें दिन भी जारी है। संगठन के कुछ कार्यकर्ता आमरण अनशन पर बैठे हैं।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि आम जनता की सहूलियत को देखते हुए चिल्ला बॉर्डर को आवागमन के लिए खोल दिया गया है। लेकिन उनके संगठन का धरना जारी है। बॉर्डर पर लगे अवरोधकों की वजह से दिल्ली की तरफ जाने वाले यातायात की रफ्तार अभी भी धीमी है।

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