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अमेरिकी मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं, क्योंकि दोनों देशों के बीच समस्याओं के समाधान के लिए तंत्र मौजूद: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

अशाेेेक यादव, लखनऊ। लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच करीब एक महीने से जारी तनातनी पर पहली बार रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया आई है।

रक्षामंत्री ने शनिवार को कहा कि भारत और चीन के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत चल रही है। यह पहली बार है जब शीर्ष स्तर से एलएसी पर भारत-चीन टकराव पर कुछ कहा गया है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों ने यह स्प्ष्ट कर दिया है कि वे समस्या का समाधान चाहते हैं। राजनाथ सिंह ने यह भी साफ किया कि अमेरिकी मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि दोनों देशों के बीच समस्याओं के समाधान के लिए तंत्र मौजूद है।

पिछले दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को घटाने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की थी। हालांकि, भारत और चीन ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि दोनों देश आपस में बातचीत कर रहे हैं, तीसरे पक्ष की आवश्यकता नहीं है। 

कल अमेरिकी रक्षा मंत्री ने भी भारतीय समकक्ष से बातचीत में मध्यस्थता पेशकश की बात दोहराई थी।

राजनाथ सिंह ने कहा, ”मैंने उन्हें बताया कि भारत और चीन के बीच पहले से तंत्र मौजूद है कि यदि कोई समस्या हो तो सैन्य और कूटनीतिक बातचीत से हल निकाला जाता है। तंत्र काम कर रहा है और बातचीत जारी है।” 

राजनाथ सिंह ने कहा, ”भारत की नीति बहुत साफ है कि हमारा सभी पड़ोसियों के साथ संबंध अच्छा हो। लंबे समय से इसके लिए प्रयास किया गया है।

लेकिन कुछ समय चीन के साथ ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं कि इस तरह की चीजें होती हैं। इस तरह की चीजें पहले भी हुई हैं। मुद्दों के समाधान के लिए कोशिश जारी है।”

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