
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश सिन्धी अकादमी द्वारा शुक्रवार 11 अप्रैल 2025 को सिंधु भवन, मवाईया, लखनऊ में सिंधी भाषा दिवस के उपलक्ष्य पर संगोष्ठी तथा छात्रों द्वारा सिंधी गीत एवं कविताओं की प्रस्तुति की गयी ।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम भगवान झूलेलाल जी की प्रतिमा पर अकादमी निदेशक अभिषेक कुमार ’अखिल’, राजाराम भागवानी, सुधामचन्द, प्रकाश गोधवानी दुनीचन्द, हरीश वाधवानी आदि ने माल्यार्पण कर शुभारम्भ किया गया।
वक्ता सुधामचन्द चंदवानी द्वारा अवगत कराया गया कि सिंधी भाषा को 1947 में अखंड भारत के विभाजन के बाद सिंधियों को सिंध प्रान्त छोड़ना पड़ा ! भारत सरकार ने सिंधियों की न्यायोचित माँग और देशभक्ति को देखते हुये दिनांक 10 अप्रैल, 1967 को चेटीचंड के पावन दिवस पर ही सिंधी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में मान्यता प्रदान की गयी थी और इस वर्ष 58 साल पूर्ण हुये हैं।

वक्ता हरीश वाधवानी द्वारा बताया कि आज के युवा की जिम्मेदारी है कि सिन्धी भाषा के महत्व को समझे।
कक्षा 4 के छात्र निवान द्वारा सिंधी कविता ’’पैसा लाडो पट टन…….’’ की प्रस्तुति की गयी।
कक्षा 03 की छात्रा तान्या केसवानी द्वारा सिंधी गीत
’’मुनजे झुलण जो देवानो ओ नचिदे दिखारेे,…
मज लालन जो दीवानो, ओ नचिदे दिखारेे,…
जेको नथो नचिसके वा तारिव ता बजाये………….
वैभव रोड़ा तथा मयंक गुरूनानी द्वारा सिंधी गीत ’’ आयो सिंधी आयो………..’’ की पुस्तुति की गयी।

छात्रा खुशी कृपलानी, सुचिता कृपलानी द्वारा स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों पर स्पीच दी गयी तथा कार्यक्रम में हिमांशु साधवानी द्वारा पल्लव किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजाराम बागवानी ने आग्रह किया कि प्रत्येक अभिभावक को अपने बच्चों के साथ सिंधी भाषा मैं अवश्य बातचीत करनी चाहिए।
कार्यक्रम में श्रीमती शांता बड़वानी गीता सत्येंद्र भवनानी सुरेश छबलानी दीपक लालवानी अशोक चंदवानी आदि उपस्थित थे।
अकादमी निदेशक अभिषेक कुमार अखिल जी ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
संपर्क: उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी
9506198915