सूर्योदय भारत समाचार सेवा : स्वच्छ भारत मिशन भी ‘अंत्योदय से सर्वोदय’ के दर्शन का एक ज्वलंत उदाहरण है। आवास एवं शहरी मामलों और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ने हमारे शहरों के हाशिए पर रहने वाले और कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी है और शहरी गरीबों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए प्रयास किया है। पुरी स्वच्छता ही सेवा-2023 के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे।
स्वच्छ भारत दिवस की प्रस्तावना के रूप में, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी और ग्रामीण द्वारा संयुक्त रूप से 15 सितंबर से 2 अक्टूबर 2023 के बीच वार्षिक स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। इस पखवाड़े का उद्देश्य भारतीय स्वच्छता लीग 2.0, सफाई मित्र सुरक्षा शिविर और सामूहिक स्वच्छता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से देश भर में करोड़ों नागरिकों की भागीदारी जुटाना है।
स्वच्छता ही सेवा-2023 को जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव श्रीमती विनी महाजन और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव मनोज जोशी की उपस्थिति में एक वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए किया।
इस आयोजन के दौरान, लेह, लद्दाख; पिंपरी, महाराष्ट्र; मेरठ, उत्तर प्रदेश; लखीमपुर, असम के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने-अपने शहरों में स्वच्छता से संबंधित गतिविधियों के सर्वोत्तम तरीके साझा किये।
कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता ही सेवा-2023 पर एक वीडियो लॉन्च किया गया। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में स्वच्छता ही सेवा-2023 का लोगो, वेबसाइट और पोर्टल भी लॉन्च किया गया। इस अवसर पर ‘इंडियन स्वच्छता लीग (आईएसएल) 2.0’, ‘सफाईमित्र सुरक्षा शिविर’ लोगो और ‘नागरिक पोर्टल’ का भी शुभारम्भ किया गया।
स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छता ही सेवा-2023 के शुभारम्भ के बारे में बात करते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की आगामी नौवीं वर्षगांठ और ‘स्वच्छता ही सेवा’ 2023 का शुभारंभ उत्सव का पल है। अब समय आ गया है कि हम अपने शहरों को साफ-सुथरा रखने के लक्ष्य के प्रति फिर से प्रतिबद्ध हों। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के शुभारम्भ के साथ, हम स्वच्छता के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले की प्राचीर से स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा की, तो इतने बड़े पैमाने पर परिवर्तन की पहले कभी कल्पना नहीं की गई थी। तब तक स्वच्छता पर खराब प्रदर्शन के बावजूद, भारत ने अगले पांच वर्षों में खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) का लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत में सभी 4,884 शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) (100 प्रतिशत) अब खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत हुए बदलाव के बारे में बात करते हुए पुरी ने बताया कि 73.62 लाख शौचालय (67.1 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालय और 6.52 लाख सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालय) बनाकर हमने लाखों शहरी गरीबों को सम्मान और स्वास्थ्य प्रदान किया है। भारत के 95 प्रतिशत वार्डों में 100 प्रतिशत घर-घर से कचरा संग्रहण होता है। 88 प्रतिशत से अधिक वार्डों में कचरे को अलग करने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए संभव हुआ, क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन एक सामान्य सरकारी कार्यक्रम के बजाय एक ‘जन आंदोलन’ बन गया है।
हरदीप सिंह पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छता न सिर्फ हर सरकारी योजना में बल्कि नागरिकों की जीवन शैली का भी मूलभूत सिद्धांत बन गया है।
स्वच्छ भारत मिशन की अब तक की उपलब्धियों पर ध्यान आकर्षित करते हुए आवास एवं शहरी कार्य मंत्री ने बताया कि पिछले नौ वर्षों में 12 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं, जिससे देश को खुले में शौच के अभिशाप से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि हमारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जो मिशन की शुरुआत में लगभग न के बराबर था, अब प्रभावशाली 76 प्रतिशत पर है और जल्द ही हम शत-प्रतिशत का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।
उन्होंने बताया कि मिशन के शहरी घटक को अब स्वच्छ भारत मिशन- शहरी 2.0 (एसबीएम-यू 2.0) के माध्यम से वर्ष 2026 तक बढ़ा दिया गया है। इसका लक्ष्य हमारे सभी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ बनाना और विरासत में मिले कूड़ा-कचरा स्थलों का समाधान करना है। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के फोकस क्षेत्रों में कई पहलू शामिल हैं। इनमें सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाएं (एमआरएफ), अपशिष्ट-से-ऊर्जा संयंत्र (डब्ल्यूटीई संयंत्र), निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन, रिफ्यूज व्युत्पन्न ईंधन (आरडीएफ) संयंत्र, वैज्ञानिक तरीके से लैंडफिल साइट और पुराने कचरे का निवारण शामिल हैं।
इस अवसर पर समापन भाषण में केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि प्रत्येक शहर, गांव, वार्ड और पड़ोस स्वच्छता के लिए अपने श्रमदान (स्वैच्छिक श्रम) का योगदान करने का संकल्प लेंगे। उन्होंने लोगों से यह सुनिश्चित करने का संकल्प लेने का आग्रह किया कि हमारे शहर कचरे से मुक्त हों और संपूर्ण स्वच्छता वास्तविकता बने।
‘स्वच्छता ही सेवा’ के बारे में :
2 अक्टूबर, 2023 को स्वच्छ भारत दिवस की तैयारी के रूप में, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय स्वच्छ भारत मिशन के 9 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए अन्य मंत्रालयों के सहयोग से 15 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2023 तक ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़ा का आयोजन कर रहे हैं। 2 अक्टूबर को राष्ट्र महात्मा गांधी की जयंती मनाता है।
मिशन की रीढ़ स्वच्छता के लिए जन आंदोलन रही है। स्वच्छता ही सेवा 2023 का मूल विषय “कचरा मुक्त भारत” है। स्वच्छता पखवाड़े के हिस्से के रूप में नियोजित कार्यक्रम स्वच्छता दिवस 2023 की तैयारी के रूप में काम करेंगे और भारत को स्वच्छ और कचरा मुक्त बनाने के लिए सभी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेंगे।
स्वच्छता ही सेवा-2023 स्वेच्छा और श्रमदान की भावना के साथ-साथ सफाई मित्रों के सहयोग से स्थानीय निकायों में संपूर्ण स्वच्छता हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। सभी मंत्रालय और विभाग कार्यालयों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, समुद्रतटों, पर्यटन स्थलों, चिड़ियाघरों, राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों, ऐतिहासिक स्मारकों, विरासत स्थलों, नदी के किनारों और घाटों जैसे अधिक आवाजाही वाले सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाएगा।
सफाई गतिविधियों में सभी महत्वपूर्ण स्थानों से कचरा हटाना, पुराने कचरे को साफ करना, कूड़ेदान, सार्वजनिक शौचालय, कचरा स्थल, अपशिष्ट ढोने वाले वाहनों और सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाओं जैसी सभी स्वच्छता संपत्तियों की मरम्मत, पेंटिंग, सफाई और ब्रांडिंग करना, बाजारों, सार्वजनिक स्थानों और पर्यटन स्थलों पर स्वच्छ भारत मिशन दीवार पेंटिंग, स्वच्छता प्रश्नोत्तरी का आयोजन, वृक्षारोपण अभियान, स्वच्छता शपथ और स्वच्छता दौड़ आदि कार्यक्रम शामिल होंगे।
स्वच्छता ही सेवा-2023 के तहत आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियां निम्नलिखित हैं:
1. स्वच्छता ही सेवा – एक पखवाड़े तक चलने वाला स्वच्छता अभियान
स्वच्छता इस पखवाड़े में हवा में गूंजेगी, क्योंकि हर कोई बड़े पैमाने पर सफाई अभियान और ‘ट्विन बिन’ एवं कूड़ा पृथक्करण के लिए जागरूकता के अभिनव और अनूठे तरीकों के साथ साफ सफाई में जुटेगा। स्वच्छता ही सेवा-2023 अभियान के अंतर्गत भारत सरकार के सभी मंत्रालय, पीएसयू, राज्य सरकारें और स्थानीय निकाय विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाएंगे। पर्यटन मंत्रालय के तहत उच्च पर्यटक स्थलों/तीर्थ स्थलों की सफाई होगी, रेलवे द्वारा रेलवे प्लेटफार्मों और आस-पास के क्षेत्रों की ‘हर पटरी, साफ सुथरी’ सफाई गतिविधियां, उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग स्वच्छता ही सेवा गतिविधियों में विश्वविद्यालयों और स्कूली छात्रों को शामिल करेगा, जबकि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय पेट्रोल पंपों आदि पर स्वच्छता और जागरूकता अभियान आयोजित करेगा।
- भारतीय स्वच्छता लीग 2.0
अपनी तरह की पहली ‘भारत स्वच्छता लीग’ (आईएसएल) का दूसरा संस्करण देश में सफाई को लेकर धूम मचाने के लिए तैयार है। युवाओं के नेतृत्व में आईएसएल का सीज़न 2 और भी अधिक रोमांचक और मजेदार स्वच्छता लीग होने का वादा करता है। 4,000 से अधिक शहरी टीमें युवाओं के नेतृत्व वाली नागरिक टीमों के माध्यम से 17 सितंबर को कचरे के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए तैयार हैं। इस वर्ष, शहर की टीमें समुद्रतटों, पहाड़ियों और पर्यटन स्थलों को साफ करने के लिए रैली करेंगी। आईएसएल 2.0 इस पखवाड़े में स्वच्छता के लिए बड़े पैमाने पर युवा समूहों को संगठित करेगा। स्वच्छता लीग स्वच्छ भारत मिशन के तहत युवा कार्रवाई के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगी।
- सफाई मित्र सुरक्षा शिविर
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के नौ साल और स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के दो साल पूरे होने के मौके पर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए 17 सितंबर, 2023 से आगे देश भर के विभिन्न शहरों में सफाई मित्र सुरक्षा शिविर के रूप में एकल खिड़की कल्याण शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों का उद्देश्य सफाई कर्मचारियों और उनके आश्रितों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को पूरा करना और उनकी भलाई और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। शिविर का उद्देश्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) और प्रयुक्त जल प्रबंधन (यूडब्ल्यूएम) में सभी स्वच्छता कार्यकर्ताओं को लक्षित करना है। इसके तहत प्रमुख गतिविधियां जन जागरूकता, निवारक स्वास्थ्य जांच, योग शिविर और विभिन्न मंत्रालयों के साथ मिलकर केंद्रीय और राज्य योजनाओं के विभिन्न कल्याणकारी लाभों का विस्तार करने पर केंद्रित होंगी।