अशाेक यादव, लखनऊ। प्रदूषण में सिंगल यूज प्लास्टिक की बड़ी भूमिका बताते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने इसके इस्तेमाल पर पूर्णतः रोकथाम और लोगों को प्लास्टिक का विकल्प मुहैया कराने पर जोर दिया है। सिंगल यूज प्लास्टिक के उन्मूलन संबंधी टास्क फोर्स की बैठक को संबोधित करते हुए श्री मिश्र ने गुरूवार को कहा कि 80 के दशक के पहले प्लास्टिक का चलन न के बराबर था। उस समय लोग कपड़े, जूट के झोले लेकर चलते थे और खाने में मिट्टी के बर्तन या पत्तल का प्रयोग करते थे। धरती को बचाने के लिए हमें वापस उसी पुरानी व्यवस्था में चलना होगा।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक कचरे को वापस से किस प्रकार से प्रयोग में ला सकते हैं, हमें इस पर ध्यान देना चाहिए। ग्रामीण, नगर निकाय आदि विभाग की सड़क निर्माण में हम प्लास्टिक कचरे का प्रयोग कर सकते हैं। प्लास्टिक सड़क को मजबूती से बांधने के साथ पानी से होने वाली कटान को भी रोकती है, जिससे सड़क की गुणवत्ता बढ़ेगी। इसके लिए बड़े पैमाने पर प्लास्टिक कचरे से बनने वाली वस्तुओं व प्लास्टिक के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़े के थैलों, मिट्टी के बर्तनों के निर्माण को प्रोत्साहन दिया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्लास्टिक का विकल्प तैयार करने से पत्तल दोना निर्माण और मिट्टी के बर्तनों का निर्माण से जुड़े लोगों को रोजगार मिलेगा। गांव में छोटे कस्बों में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से बर्तन घर, कपड़े, जूट के थैले के निर्माण को प्रोत्साहन दिया जाए। हम सब स्वयं भी पत्तल, मिट्टी के बर्तन का प्रयोग करें और बाकी लोगों को जागरूक करें। जन सहयोग के बिना सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम संभव नहीं है। इसलिये लोगों को इससे होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाये।
इससे पूर्व सिंगल यूज प्लास्टिक के उन्मूलन संबंधी टास्क फोर्स की बैठक में सिंगल यूज प्लास्टिक के उन्मूलन पर किए जा रहे कार्यों, कार्रवाईयों और उपलब्धियों का विस्तृत विवरण दिया गया। बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मनोज सिंह समेत सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।