अशाेेेक यादव, लखनऊ। भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच झड़प के बाद स्थिति को जिम्मेदारी के साथ संभालने पर राजी हो गए हैं। दोनों देशों ने गत छह जून को सैनिकों को पीछे हटाने पर बनी सहमति पर अमल करने के साथ ऐसा कोई कदम नहीं उठाने की बात कही है जिससे हालात बिगड़ने की आशंका हो।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच आज टेलीफोन पर बातचीत के दौरान यह सहमति बनी। दोनों ने दोपहर को हुई बातचीत के दौरान लद्दाख के घटनाक्रम पर चर्चा की। दोनों देशों ने कहा है कि वे द्विपक्षीय समझौतों तथा प्रोटोकाल के माध्यम से सीमा पर शांति तथा मित्रतापूर्ण माहौल सुनिश्चित करेंगे।
विदेश मंत्री ने चीनी सेना की कार्रवाई पर कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि उसने सहमति को नजरंदाज कर भारतीय सीमा में गलवान घाटी में टेंट लगाने की कोशिश की जिससे विवाद पैदा हुआ। उन्होंने कहा कि असाधारण घटनाक्रम का द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। चीनी विदेश मंत्री ने भी बातचीत के दौरान अपना पक्ष रखा।