अशाेक यादव, लखनऊ। सोशल एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने नार्को या पॉलीग्राफ टेस्ट कराये जाने के आदेश को पूरी तरह असंवैधानिक बताया है। नूतन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सेल्वी एवं अन्य बनाम कर्नाटक राज्य में यह आदेश में किसी भी व्यक्ति से जबरदस्ती कर इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता। फिर चाहे वह आपराधिक मुक़दमा हो या कोई अन्य मामला।
दरअसल, हाथरस रेप केस में यूपी सरकार द्वारा पीड़िता के परिवार सहित सभी स्टेकहोल्डर के नरकों टेस्ट कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं। नूतन ठाकुर ने कर्नाटक कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए व्यक्ति की निजता और उसके मौलिक अधिकार का हनन बताया है। उन्होंने बताया कि संबंधित व्यक्ति की स्वैच्छिक सहमति से यह टेस्ट करवाया जा सकता है।
नूतन ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किये हैं। नूतन ने कहा कि इस स्पष्ट विधिक व्यवस्था के बाद भी एक तरफा आदेश देकर कानून के परे काम कर रही है। सरकार में बैठे लोगों का देश की संवैधानिक व्यवस्था में कोई विश्वास नहीं है। नूतन ने बताया कि वह प्रकरण में लंबित जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने रखेंगी।