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जब अपने नेताओं की ही नहीं सुनती, तो जन सामान्य की क्या सुनेगी भाजपा सरकार – अखिलेश यादव

राहुल यादव, लखनऊ।
        अखिलेश यादव ने कहा है कि सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेता कानून व्यवस्था को धता बताते हुए गरीबों, दलितों पर अपनी दबंगई दिखा रहे हैं। भ्रष्टाचार का खेल विभागों से लेकर मंत्रियों के दफ्तरों तक से चल रहा है। नौकरियों में भर्ती, टेण्डर प्रक्रिया, विभागीय प्रोन्नति के मामलों में रोज ही शिकायतें सामने आ रही है। अवैध खनन के मामले बढ़ गए हैं। सरकार के हालात से क्षुब्ध कई भाजपा विधायक सांसद भी अब अपनी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं। भाजपा सरकार में जब इसके नेताओं की ही सुनवाई नहीं हो रही है तो जन सामान्य की क्या सुनी जाएगी? आम चर्चा है कि भाजपा सरकार में सिर्फ उद्योगपतियों की सुनी जा रही है। अफसर मुख्यमंत्री जी को फाइलों में ‘आल इज वेल‘ की पट्टी लगाकर गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
      झांसी सदर के भाजपा विधायक बेतवा नदी में हो रहे अवैध खनन से क्षुब्ध हैं। सरकार और अधिकारियों पर खनन माफिया से मिली भगत का आरोप लगाते हुए उन्होंने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री जी आरोप की जांच करेंगे? केन नदी में भी अवैध खनन की शिकायतें मिली हैं। सोनभद्र से लेकर लखीमपुर खीरी तक खनन माफिया सक्रिय हैं। महोबा में भाजपा विधायक के रिश्तेदार की पत्थर की खदान में विस्फोट से 3 मजदूर मर गए और कई घायल हो गए। इन मजदूरों का न बीमा था और नहीं सुरक्षा मानकों का इंतजाम था।
       आजमगढ़ के उबारपुर गांव में दलित मजदूरों की भाजपा जिलाध्यक्ष के बेटों ने बुरी तरह पिटाई कर दी। कौशाम्बी के सिराथू क्षेत्र से भाजपा विधायक ने ग्रामीणों को जो राशन किट वितरित किया उसमें आटे में कीड़े निकले। पीड़ित जनता को राहत सामग्री देने के नाम पर मोदी-योगी के फोटोवाले पैकेट बांटे जा रहे हैं जिन्हें स्वयंसेवी संगठन की राहत सामग्री को भाजपा-आरएसएस वाले अपना बताकर बांट रहे।
       मुख्यमंत्री जी की तमाम घोषणाओं और योजनाओं का लाभ जनसामान्य को कहीं नहीं मिल पा रहा है। जो प्रवासी मजदूर प्रदेश में आए हैं उन्हें न तो रोजगार मिल रहा है और नहीं पर्याप्त आर्थिक मदद। आर्थिक तंगी के कारण बलिया के बैरिया मांझी मार्ग पर एक क्वाॅरंटीन प्रवासी अंजनी सिंह (40) ने फांसी के फंदे से लटकर कर जान दे दी। भाजपा सरकार की बेरूखी से त्रस्त होकर प्रदेश में कई लोग अपनी जान दे चुके हैं।
       कोरोना संकट काल में अपने घर-प्रदेश में लौट रहे श्रमिकों को सत्ता ने बेगाना बना दिया। जब वोट चाहिए तब भाजपा नेता अपने घर की थाली लेकर दलितों के घर भोजन करके उनके प्रति अपने प्रेम का दिखावटी प्रदर्शन कर आते हैं। लेकिन सत्ता में आने पर वे गरीबों, दलितों और समाज के कमजोर वर्ग के लोगों पर अत्याचार करने और उनका शोषण करने में शर्म नहीं करते है।
      भाजपा सरकार की विशेषता यह भी है कि वह खुद तो जनहित की कोई योजना चलाती नहीं, समाजवादी पार्टी की सरकार में जो योजनाएं चलाईं थी उनको भी बर्बाद कर दिया है। एम्बूलेंस सेवा 108, यूपी डायल 100 नम्बर, महिलाओं की सुरक्षा के लिए वूमेन पावरलाइन 1090, स्वास्थ्य सेवाएं सभी निष्क्रिय बना दी गई हैं। समाजवादी सरकार में गम्भीर बीमारियों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गई थी। समाजवादी सरकार ने कैंसर मरीजों के इलाज के लिए कैंसर अस्पताल बनाया था उसे भी भाजपा सरकार चालू नहीं कर सकी। मरीज भगवान भरोसे रहते हैं। मिर्जापुर के आकाश यादव और गोरखपुर के अर्मेन्द्र निषाद ने आज वीडियों काॅलिंग के माध्यम से बताया कि अब योगी सरकार में कुछ भी स्वस्थ नहीं रह गया है। अस्पतालों में रोगियों की भीड़ है। दवाइयों का अभाव है।

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