राहुल यादव, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोजगार की संभावनाएं को चिन्हित करने के लिए अध्ययन कराने के निर्देश दिए हैं । उन्होंने कहा है कि एम0एस0एम0ई0 सेक्टर की इकाइयां प्रदेश के औद्योगिक विकास की रीढ़ हैं । एम0एस0एम0ई0 सेक्टर की हर सम्भव सहायता की जाए । एम0एस0एम0ई0 सेक्टर व उद्यमों को पूरी सतर्कता और सावधानी बरतते हुए संचालित कराया जाए । उन्होंने राजस्व वृद्धि से जुड़े प्रकरणों में तेजी से निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं ।
मुख्यमंत्री आज उच्च स्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे । उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस के ड्राइवर सहित उनमें तैनात अन्य कर्मियों को ग्लव्स और मास्क अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाएं । नॉन – कोविड अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं के संचालन के लिए डॉक्टरों सहित पूरी मेडिकल टीम को संक्रमण से बचाव का प्रशिक्षण दिया जाए । इन्हें प्रोटेक्शन इक्युपमेंट अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाए । अस्पतालों में मेडिकल इंफेक्शन से बचाव सम्बन्धी प्रोटोकॉल का पालन कराया जाए । यह सुनिश्चित किया जाए कि पी0पी0ई0 किट्स , एन – 95 मास्क तथा सेनिटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें । मुख्यमंत्री ने कहा कि टेलीफोन के माध्यम से लोगों को चिकित्सा परामर्श उपलब्ध कराने के लिए टेलीमेडिसिन व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है ।
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इसके साथ ही , ई – हॉस्पिटल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है ।
उन्होंने ई – हॉस्पिटल तथा टेलीमेडिसिन सेवाओं के प्रभावी संचालन के निर्देश दिए हैं ।
कोविड-19 से लड़ने के लिए स्वास्थ्य सिस्टम तथा समाज, दोनों को निरन्तर सजग व तैयार रहना होगा ।
लोगों को जागरूक करने तथा प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के उपायों की जानकारी उपलब्ध कराने के उददेश्य से भारत सरकार द्वारा ‘ आरोग्य सेतु ‘ एप लॉन्च किया गया ।
इसी क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा ‘ आयुष कवच कोविड ‘ एप लॉन्च किया गया है ।
इस एप में रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि के उपाय बताए गए हैं ।
आयुर्वेद तथा योग को अपनाकर बीमारी से बचाव के नुस्खे दिए गए हैं ।
न्यायालय परिसरों को सेनिटाइज के साथ ही इंफ्रारेड थर्मामीटर, थर्मल स्कैनर तथा सेनिटाइजर की व्यवस्था होगी ।
ऑरेन्ज तथा ग्रीन जोन में स्टेशनरी की दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाए ।
मण्डियों में संक्रमण रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और ग्लव्स का प्रयोग अनिवार्य ।
मुख्यमंत्री ने हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सेनिटाइजेशन कार्य को सघन बनाने के निर्देश दिए ।
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उन्होंने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर , शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए ।
ग्रामीण इलाकों में स्थापित क्वारंटीन सेन्टर को क्रियाशील रखा जाए ।
उन्होंने कहा कि नगर विकास , ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभागों द्वारा समन्वित प्रयास कर विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए ।
संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए इस प्रकार के अभियान का संचालन आवश्यक है ।
प्रवासी कामगारों और श्रमिकों को दुग्ध समितियों से जोड़ते हुए उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाया जा सकता है ।
इसलिए प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में दुग्ध समितियों के गठन के गम्भीरता से प्रयास किए जाएं ।
इनके माध्यम से ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं ।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना , स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह , स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग , मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी , कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा , अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन , अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी , अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार , अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल , पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी , प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद , प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद , प्रमुख सचिव एम०एस०एम०ई० नवनीत सहगल , प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह , प्रमुख सचिव कृषि डॉ0 देवेश चतुर्वेदी , प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार , सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार , सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।