राहुल यादव, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं यूनाइटेड नेशन-वल्र्ड फूड प्रोग्राम (यू0एन0-डब्ल्यू0एफ0पी0) के मध्य डिजिटिल विधि से एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। प्रत्येक ग्रामीण गरीब परिवारों में से एक महिला को स्वयं सहायता समूहों में संगठित कर उनकी क्षमता वृद्धि एवं वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराते हुए उन्हें आजीविका संवर्धन के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है।
महिलाओं और बच्चों को पोषाहार देने का यह पुनीत कार्य पूरी पवित्रता के साथ किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जनपद लखनऊ, बांदा, गोरखपुर, उन्नाव तथा फतेहपुर के टेक होम राशन माइक्रो इण्टरप्राइज अध्यक्षों से वीसी से वार्ता की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय का सदुपयोग करके समाज को बहुत कुछ दिया जा सकता है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने इस दिशा में काफी कार्य किया है।
आजीविका मिशन द्वारा रचनात्मक कार्य किये जा रहे हैं, जो स्वस्थ समाज के लिए आवश्यक है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था प्रशासन सुनिश्चित करे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आई0सी0डी0एस0 के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से प्रदेश के 18 जनपदों के 204 विकास खण्डों में पुष्टाहार उत्पादन कर आंगनबाड़ी केन्द्रों में वितरित किया जा रहा है।
आने वाले समय में पूरे प्रदेश के सभी ब्लाॅकों को इससे जोड़ा जाएगा।
पुष्टाहार उत्पादन का कार्य जनपद अलीगढ़, अम्बेडकर नगर, औरैया, बागपत, बांदा, चन्दौली, इटावा, बिजनौर, फतेहपुर,
गोरखपुर, कन्नौज, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मैनपुरी, मिर्जापुर, प्रयागराज, सुल्तानपुर तथा उन्नाव में किया जाएगा।
शेष अन्य जनपदों में भी इसे शुरू किया जाएगा।
आजीविका मिशन के माध्यम से 3,000 से अधिक समूहों की महिलाएं उद्यमी बनेंगी और उनके पास स्थायी रोजगार उपलब्ध होगा।
प्रत्येक महिला को वर्ष में 240 दिन से अधिक का रोजगार प्राप्त होगा।
साथ ही, परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश में 7,20,000 से अधिक पर्सन डेज, समूहों की महिलाओं को प्राप्त होंगे।
इसके माध्यम से समूह में कार्य करने वाली प्रत्येक महिला को लगभग 05 से 07 हजार रुपये की मासिक आय प्राप्त होगी।
आंगनबाड़ी केन्द्रों को वितरित किये गये पूरक पोषण आहार पर प्राप्त लाभ में भी अंश प्राप्त होगा।
परियोजना का एक वर्ष का टर्न ओवर 1,200 करोड़ रुपये होगा।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आई0सी0डी0एस0 के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से प्रदेश के
18 जनपदों के 204 विकास खण्डों में पुष्टाहार उत्पादन कर आंगनबाड़ी केन्द्रों में वितरित किया जाएगा।
इस कार्य के सुचारु क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन
द्वारा यू0एन0-डब्ल्यू0एफ0पी0 से तकनीकी सहयोग प्राप्त करने के लिए यह अनुबन्ध किया गया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य पुष्टाहार उत्पादन इकाई के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को
स्थायी रूप से आजीविका उपलब्ध कराना, पुष्टाहार उत्पादन इकाई के माध्यम से आई0सी0डी0एस0 की मांग को पूरा करना तथा
लाभार्थियों को समय पर पूरक पोषण आहार की आपूर्ति किया जाना है।
ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह) ने कहा कि
मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार महिलाओं के उन्नयन के लिए लगातार कार्य कर रही है।
आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं की आर्थिक उन्नति सुदृढ़ होगी।
कार्यक्रम को कन्ट्री डायरेक्टर, यूनाइटेड नेशन-वल्र्ड फूड प्रोग्राम बिशो पराजुली ने भी सम्बोधित किया।
ज्ञातव्य है कि इस कार्य को मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 26 फरवरी, 2019 को पारित आदेश के क्रम में सम्पन्न किया गया है।
दिनांक 29 जून, 2020 को कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया, जिसे मंत्रिपरिषद द्वारा 30 जुलाई, 2020 को अनुमोदित किया गया था।
ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा समूहों की चयनित महिला को माइक्रो इण्टरप्राइज में गठित किया गया है।
मिशन द्वारा माइक्रो इण्टरप्राइज का पैन कार्ड में आवेदन कराते हुए बैंक खाते खुलवाये गये हैं।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार एस0 राधा चैहान, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।