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ज्ञानवापी का इतिहास आप तोड़-मरोड़ सकते हैं लेकिन सबूतों को मिटा नहीं सकते, ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा : योगी आदित्यनाथ

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी की आंतरिक राजनीति में टीम गुजरात द्वारा लगातार की जा रही घेरेबंदी को तोड़ते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनैतिक छक्का मार दिया। उनके इस कदम ने विरोधियों को न सिर्फ अपना लोहा मनवा दिया बल्कि विरोधी खेमें को यह संदेश भी भेज दिया कि हम पहले छेड़ते नहीं, जब कोई छेड़छाड़ की हद कर देता है तो हम उसे छोड़ते नहीं। योगी ने इस वक्तव्य से काशी के अंदर और काशी के बाहर इस मुद्दे पर बड़े-बड़े कथित नेताओं पर बढ़त बनाते हुये हिन्दू जनमानस का दिल जीत लिया। योगी ने बिना बोले बता दिया कि देश मे हिंदुत्व के मुद्दे पर कार्य करने वाला कोई अन्य नहीं है। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को यह बता दिया कि आप कथित काडर वाली पार्टी में मेरा प्रभाव घटाने का षडयंत्र कर सकते हैं, हमें छोटा बनाने के लिये किसी को भी संगठन में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दे सकते हैं लेकिन जनता में हमारी लोकप्रियता अब आप के रोके नहीं रुकेगी।

सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक समाचार एजेंसी के पॉडकास्ट में कहा है कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। हमें ज्ञानवापी बोल देना चाहिए। मुस्लिम पक्ष को अपनी ‘ऐतिहासिक गलती’ स्वीकार करनी चाहिए और समाधान पेश करना चाहिए। मेरा मानना है कि भगवान ने जिसे भी दर्शन का सौभाग्य दिया है, उसे दर्शन करना चाहिए। एक त्रिशूल एक मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है ? किसी ने इसे वहां नहीं रखा। अंदर सुरक्षा के लिए केंद्रीय बल तैनात है। ज्ञानवापी के अंदर भौतिक और अन्य पुरातात्विक साक्ष्यों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। आप इतिहास को तोड़-मरोड़ सकते हैं लेकिन ऐतिहासिक सबूतों को नहीं, वहां की दीवारें हकीकत बयां कर रही हैं। मुझे लगता है कि मुस्लिम पक्ष को स्वीकार करना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है और उन्हें इसका समाधान निकालना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मुस्लिम समुदाय से अपील करेंगे कि ‘आज हमें विकास के बारे में बात करनी चाहिए। पाकिस्तान की दुर्दशा हम सब देख सकते हैं, जो दूसरों का बुरा चाहेंगे, वे स्वयं कष्ट सहेंगे। आज पाकिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है, वह उनके किए का ही नतीजा है। आज पाकिस्तान भुखमरी से परेशान है और अपनी करतूतों से जूझ रहा है, इसलिए हमें अपनी पिछली गलतियां नहीं दोहरानी चाहिए’। आदित्यनाथ ने कहा कि देश संविधान से चलेगा, मत और मजहब से नहीं। देखिए मैं ईश्वर का भक्त हूं, लेकिन किसी पाखंड में विश्वास नहीं करता हूं। आपका मत, आपका मजहब, अपने तरीके से होगा, अपने घर में होगा। अपनी मस्जिद, अपने इबादतगाह तक होगा। सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं और इसको आप जो है किसी भी अन्य तरीके से दूसरे पर थोप नहीं सकते। नेशन फर्स्ट। अगर देश में किसी को रहना है तो राष्ट्र को सर्वोपरि मानना है, अपने मत और मजहब को नहीं।

योगी के वक्तव्य पर आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन के अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी ने कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी ऐसे वक्त पर आयी है जब इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष की याचिका पर एक-दो दिन में फैसला आने वाला है। मुख्यमंत्री का यह वक्तव्य संविधान की अवमानना है। यह अदालत पर अतिक्रमण है। प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का यह घोर उल्लंघन है।

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