सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक कंपनी वेदांता एल्यूमिनियम ने राष्ट्रीय युवा दिवस पर अपने सभी प्रचालनों में युवा सशक्तिकरण और अनेक अवसरों के जरिये उनकी उत्तरोत्तर प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। अपने विश्व स्तरीय प्रचालनों में रोजगार के अवसरों का निर्माण तथा स्थानीय समुदाय के युवाओं को शिक्षा, कौशल विकास, जमीनी स्तर पर खेल व पारंपरिक कलाओं में प्रशिक्षित कर मजबूत बनाना कंपनी के दो-सूत्रीय दृष्टिकोण हैं। इस प्रकार भारत के युवाओं को सतत आजीविका एवं लक्ष्य हासिल करने में मदद कर समुदायों एवं देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दिया जा रहा है !
वेदांता एल्यूमिनियम के प्रचालनों में दुनिया के सबसे बड़े एल्यूमिनियम स्मेल्टरों में से एक झारसुगुडा में स्थित है। लांजीगढ़, ओेडिशा में विश्व स्तरीय एल्यूमिना रिफाइनरी है। इसके अलावा भारत की प्रतिष्ठित एल्यूमिनियम उत्पादक भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) कोरबा छत्तीसगढ़ में संचालित है। इन प्रचालनों में वेदांता एल्यूमिनियम की 55 प्रतिशत से अधिक शीर्ष प्रतिभाएं 20 से 30 आयु वर्ग की हैं। वे अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर काम करते हुए उच्च-गुणवत्ता के एल्यूमिनियम का उत्पादन कर रही हैं जिसे दुनिया के 60 से अधिक देशों में हाई-एंड एप्लीकेशंस में इस्तेमाल के लिए निर्यात किया जाता है। सक्षम इंजीनियरिंग कौशल से युक्त ये सभी युवा भारत की प्रगति गाथा के अग्रिम मोर्चे पर हैं।
कर्मचारियों की औसत आयु के लिहाज से वेदांता एल्यूमिनियम युवा कंपनी है। यह औसत 26-28 वर्ष है जो भारत के डेमोग्राफिक डिविडेंड का सही मायने में प्रतिनिधित्व करता है। वेदांता एल्यूमिनियम के प्रचालनों के आकार एवं पैमाने के मद्देनजर इन युवाओं को इंजीनियरिंग, मेकाट्रॉनिक्स, सस्टेनेबिलिटी, कमॉडिटीज़, खनन, जियोलॉजी, फॉरेंसिक, जियोफिजिक्स, डीप टेक आदि विविध भूमिकाओं में नियुक्त किया गया है। कंपनी ने कर्मचारियों के निरंतर प्रशिक्षण एवं कौशल वृद्धि के लिए शीर्ष शिक्षण संस्थानों के साथ गठबंधन किए हैं।
सामुदायिक और कौशल विकास के मोर्चे पर कंपनी ने विभिन्न कौशल कार्यक्रमों के जरिए समुदायों के लगभग 15,000 युवाओं को प्रशिक्षित किया है। इससे अकुशल एवं अर्ध-कुशल युवाओं के बीच का अंतर ख़त्म करने में मदद मिल रही हैं। बाजार के योग्य व्यावसायिक कौशल, उद्यमवृत्ति, जलवायु परिवर्तन को सहने में सक्षम कृषि तथा सौरा एवं ढोकरा जैसी पारंपरिक कला-शिल्प को प्रोत्साहित कर जरूरतमंद युवाओं को अनेक तरीकों से सक्षम बनाया जा रहा है। वेदांता एल्यूमिनियम ने परियोजना ‘पंछी’ शुरु की है। यह एक भर्ती अभियान है जिसका लक्ष्य हाशिए पर मौजूद ग्रामीण समुदायों की 1000 लड़कियों को रोजगार देना है। इसके लिए उन्हें वित्तीय मदद दी जाएगी ताकि वे कॉलेज शिक्षा पूरी कर सकें। सफलतापूर्वक शिक्षा पूरा करने पर उन्हें नौकरी दी जाएगी।
वेदांता एल्यूमिनियम की प्रतिबद्धताएं प्रमुख वैश्विक लक्ष्यों ’स्किल इंडिया’ विज़न और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप हैं। इनमें शामिल हैं- एसडीजी 1 – गरीबी से मुक्ति , एसडीजी 8 – उत्कृष्ट कार्य एवं आर्थिक वृद्धि तथा एसडीजी 10 – गैर बराबरी से मुक्ति। कंपनी ने प्रतिष्ठित ज्ञान प्रदाताओं नाबार्ड, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी, कौशल विकास संस्थान (भुवनेश्वर) व अन्य शीर्ष संस्थानों के साथ समन्वय किया है ताकि यह सुनिश्चित हो कि प्रशिक्षण कार्यक्रम बाजार की उभरती मांगों और युवाओं की आकांक्षाओं के अनुसार बनाए जाएं।
साल दर साल कंपनी ने व्यावसायिक कौशल कार्यक्रमों का विस्तार किया है। कोरबा, छत्तीसगढ़ स्थित वेदांता स्किल स्कूल में आतिथ्य सत्कार, वेल्डिंग, औद्योगिक सिलाई, ब्यूटी पार्लर आदि अनेक व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जाता है। वेदांता एल्यूमिनियम ने ओडिशा में शुभलक्ष्मी को-ऑपरेटिव के जरिए महिलाओं को सशक्त किया है। माइक्रो-फाइनेंस, कौशल विकास, वित्तीय साक्षरता और बाजार से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सफल उद्यमी बनने में मदद दी जाती है।
लांजीगढ़ में सतत आजीविका परियोजनाओं और बालको, कोरबा, छत्तीसगढ़ में ‘मोर जल मोर माटी’ पहल के तहत जरूरतमंदों को एकीकृत समुदाय आधारित प्रशिक्षण दिया जाता है। बेहतर कृषि विधियों, जल प्रबंधन, मृदा संरक्षण, पशुपालन व अन्य प्रगति केंद्रित गतिविधियों को प्रोत्साहित कर किसानों की आय में बढ़ोतरी की जा रही है ताकि ग्रामीण युवा कृषि को स्थाई आजीविका बनाने के लिए प्रेरित हों सकें। कंपनी अपने योगदान से देश भर में उद्यमशीलता, निरंतर आर्थिक विकास और जीवंत स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर रही है।