सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में आज आबकारी विभाग एवं गन्ना विभाग उत्तर प्रदेश के निर्धारित सत्र में मुख्य अतिथि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री भारत सरकार, पीयूष गोयल ने सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में विकास बड़े प्रभावी ढंग से हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आबकारी विभाग की नीतियों एवं उनके क्रिया-कलापों में लाई गई निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के कारण आबकारी उद्योगों की स्थापना तेजी से हो रही है जिससे राजस्व में तीव्र वृद्धि के कारण प्रदेश के विकास में आबकारी विभाग सराहनीय योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज आबकारी विभाग के राजस्व में 3 गुना वृद्धि परिलक्षित हो रही है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि प्रदेशों में कंप्लीटेड एंड कोलैबोरेटिव एसोसिएशन हो अर्थात सब मिलकर काम करें। उन्होंने प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत किए गए कार्यों की सराहना करते हुए प्रदेश की रैंकिंग दूसरे नंबर आने पर बधाई दी।
पीयूष गोयल ने कहा कि वर्ष 2018 में जहां उत्तर प्रदेश एक एस्पायरिंग स्टेट था और 2020 में इमर्जिंग स्टेट था वहीं 2021 में यह चौथे नंबर पर आ गया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के कुशल निर्देशन में 8277 स्टार्टअप उत्तर प्रदेश में स्थापित हो चुके हैं। उन्होंने आदित्यनाथ जी की कार्यप्रणाली एवं उनकी टीम की सराहना करते हुए निवेशकों से अनुरोध किया कि वह बिना डरे उत्तर प्रदेश में निवेश कर सकते हैं। आने वाला समय उत्तर प्रदेश का है जो देश के ग्रोथ इंजन के साथ चल रहा है। इस डबल इंजन को हमें आगे बढ़ाना है। वाइन के संबंध में साहनी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने प्रदेश में उत्पादित फलों और फूलों से बनने वाली वाइन की सराहना की तथा प्रदेश सरकार के अधिकारियों से अपील की कि इसको अमलीजामा पहनाया जाए ताकि इस क्षेत्र में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वह प्रधानमंत्री से अनुरोध करेंगे कि यूपी से एक डेलिगेशन विदेशों को भेजा जाए जो वहां से टेक्नोलॉजी ज्ञात करके उत्तर प्रदेश में उसको इंप्लीमेंट कर सकें। उत्तर प्रदेश देश के लिए एक मिसाल है और उन्होंने यह भी अपेक्षा की कि प्रदेश के आबकारी विभाग में किए गए कार्यों की एक अच्छी प्रेजेंटेशन बनाकर प्रस्तुत की जाए ताकि उसको देश के अन्य प्रदेशों के आबकारी अधिकारियों को दिखाया जा सके। उन्होंने सभी निवेशकों का आह्वान करते हुए अपील की कि वह प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश करें। प्रदेश में अब तक प्राप्त निवेश रुपए 30000 करोड़ के इंटेंट के संबंध में उन्होंने राज्यमंत्री { स्वतंत्र प्रभार } एवं अधिकारियों को बधाई दी और इस कार्य को आगे बढ़ाते रहने की अपेक्षा की।
इस अवसर पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने आबकारी विभाग के कार्यकलापों एवं विभाग में हुई प्रगति के संबंध में अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि विभाग की राजस्व एवं निवेश एवं निर्यातोन्मुखी आबकारी नीतियों के कारण ही आज विभाग में औद्योगिक विकास की लहर चल रही है। प्रदेश में जो डिस्टलरी 98 की संख्या में हैं वह शीघ्र ही सेंचुरी का आंकड़ा पार कर जायेंगी। इसी प्रकार ब्रेवरी और वाइनरी के संबंध में किए गए प्रयासों के बारे में उनके द्वारा अवगत कराया गया कि पिछले 6 सालों में राजस्व में 3 गुनी वृद्धि हुई। यह वृद्धि विभाग के अधिकारियों के कुशल नेतृत्व एवं प्रभावी प्रवर्तन कार्य के कारण संभव हो सका है। प्रदेश के बॉर्डर पर विभाग द्वारा लगातार प्रवर्तन कार्य किया जा रहा है जिससे अवैध मदिरा की बिक्री पर अंकुश लगा है। एचपीएलसी के निर्माण के संबंध में उन्होंने बताया कि पूर्व में यह उत्पाद चीन से आयात होता था जिसमें प्रत्येक माह 15 से 20 कंटेनर आयात होते थे। अब प्रदेश में उत्पादन प्रारंभ होने के फलस्वरूप इस पर व्यय होने वाली फॉरेन एक्सचेंज की बचत होगी। उनके द्वारा विभिन्न आबकारी पॉलिसीज में किए गए बदलाव एवं उनको सरल बनाए जाने के संबंध में अवगत कराया गया तथा आये हुए निवेशकों से अनुरोध किया गया कि वह उत्तर प्रदेश में निवेश करें जिससे प्रदेश का विकास हो सके। उन्होंने प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि होने के नाते यह आश्वासन दिया कि निवेशकों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर0 भूसरेड्डी ने अवगत कराया गया कि शुगर एवं आबकारी विभाग द्वारा प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण काम किए गये हैं। शुगर इंडस्ट्री में चीनी के उत्पादन के उपरांत सह उत्पाद के रूप में उत्पादित शीरे का उपयोग डिस्टलरी यूनिट द्वारा किया जाता है तथा उसका सदुपयोग एथेनॉल एवं अल्कोहल निर्माण के लिए किया जाता है। आबकारी विभाग ने विगत 6 वर्षों में महत्वपूर्ण काम किए हैं। उन्होंने बताया कि जहॉं 2016-17 में प्रदेश का राजस्व 14000 करोड़ रूपये था वहीं राजस्व तीन गुना की वृद्धि की ओर अग्रसर है। विभाग में नीतियों को सरल एवं सुगम बनाया गया है, जिससे निवेश बढ़ा है। जहां वर्ष 2016-17 में 61 डिस्टलरी थी वहीं आज बढ़कर 98 हो गई हैं। इसी प्रकार ब्रेवरीज की संख्या आने वाले एक-दो साल में दुगनी हो जाएगी। एक वाइनरी स्थापित हो चुकी है तथा चार स्थापना के प्रोसेस में है। फाइन डायनिंग के संबंध में माइक्रोब्रेवरी और बार की भूमिका के महत्व के संबंध में अवगत कराते हुए बताया गया कि वर्ष 2016-17 में जहां 365 बार थे, वहीं आज इनकी संख्या् 685 हो चुकी है। इसी प्रकार मॉल्स में प्रीमियम वेण्ड्सम की नीति लाई गई है और वर्तमान में 52 प्रीमियम वेण्ड्स कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त् प्रदेश में 21 माइक्रोब्रेवरीज की भी स्थापना की गयी है। इस संबंध में विभाग ने चरणबद्ध तरीके से नियमों में परिवर्तन करते हुए आसवनियों की स्थापना के नियमों को सुगम व सरल बनाया है तथा एच.पी.एल.सी. के निर्माण के लिए नियमावली का प्रख्यापन किया गया है। प्रदेश में विश्लेलषणात्मक श्रेणी और एच.पी.एल.सी. श्रेणी के परिशुद्ध अल्कोहल प्रसंस्करण तथा बोतल भराई की व्यवस्था वर्ष 2022 में शुरू की गयी है जिसके अन्तर्गत एक लाइसेंस 18 लाख लीटर वार्षिक निर्माण क्षमता हेतु जनपद मेरठ में प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के फल उत्पादक किसानों के हितार्थ एवं उनके उत्पादों को खराब होने से बचाने के उद्देश्य से प्रदेश में वाइन नियमावली लाई गई जिसका परिणाम दो वाइनरी की स्थापना में दिखाई दे रहा है।
संजय आर. भूसरेड्डी ने यह भी बताया गया कि कोविड के समय शुगर इंडस्ट्री तथा आबकारी विभाग द्वारा पूर्ण उत्तरदायित्व के साथ कार्य किया गया तथा प्रदेश एवं देश में सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई। प्रदेश में 75 ऑक्सीजन प्लांट लगाने में भी चीनी मिलो एवं आसवनियों द्वारा सराहनीय सहयोग किया गया। देश के ई.बी.पी. प्रोग्राम में उत्तर प्रदेश का योगदान सराहनीय रहा है। निर्धारित 10 प्रतिशत की ब्लेंडिंग को सर्वप्रथम पूरा करने वाला प्रदेश उत्तर प्रदेश रहा है तथा वर्तमान में 135 करोड़ लीटर से अधिक का एथेनॉल का उत्पादन किया गया है जो वर्ष 2016-17 में 40 करोड लीटर उत्पादन होता था। प्रदेश की आबकारी नीति एवं कार्यकलापों में महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं। आसवनियों में बी हैबी व सी हैबी मोलेसेस के अतिरिक्त अब केन जूस का भी उपयोग होने लगा है। ग्रेन, आलू, चुकन्दर आदि मल्टीफीड्स से भी अल्कोहल निर्माण की अनुमति दी गई है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं तथा कार्यों को सरल एवं सुगम बनाया गया है। कोई भी व्यक्ति निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से आसवनियों व वाइनरी के निर्माण के लिये लाइसेंस प्राप्त् करने हेतु पोर्टल पर आवेदन कर सकता है। प्रदेश को इंपोर्टेड स्टेट से एक्सपोर्टिंग स्टेट बनाने में विभाग का काफी योगदान रहा है। वर्ष 2017-18 में आबकारी नीति में परिवर्तन कर मदिरा व्यवसाय में एकाधिकार को समाप्त कर इसे फ्री ट्रेड बनाया गया। शुगर एवं आबकारी विभाग में डिजिटल टेक्नोलॉजी का भरपूर प्रयोग किया गया है। आसवनियों में अब डिजिटल अल्कोहलोमीटर का प्रयोग किया जा रहा है। आसवनियों एवं दुकानों में सीसीटीवी कैमरे का उपयोग हो रहा है। इन्वेस्टर्स समिट में विभाग को 25,000 करोड़ रूपये का लक्ष्य दिया गया था जिसके सापेक्ष विभाग ने लगभग 32,500 करोड़ रूपये के इन्वेस्टर्स इंटेंट प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार विभाग ने एक सिस्टमैटिक रूप में विकास का कार्य किया है।
सेंथिल पांडियन सी., आबकारी आयुक्त उत्तर प्रदेश ने आबकारी विभाग के कार्यकलापों एवं गतिविधियों के संबंध में अवगत कराया तथा उनके द्वारा वर्ष 2016-17 से 22-23 तक आबकारी विभाग में जो परिवर्तन हुए हैं के संबंध में प्रेजेंटेशन दिया गया। उनके द्वारा उत्तर प्रदेश में निवेशकों को प्राप्त होने वाले सुविधाओं पर प्रकाश डाला गया। उनके द्वारा बताया गया कि आज आबकारी विभाग में अपनाये जा रहे आसान एवं पारदर्शी कार्यप्रणाली का ही परिणाम है कि जहॉं वर्ष 2016-17 में आसवनियों की संख्या 61 थी वहीं आज उसकी संख्या बढ़कर 98 पहुँच गई है। ब्रिवरीज, माइक्रोब्रिवरीज, वाइनरी, रेस्टोकबार एवं प्रीमियम रिटेल वेण्ड में भी निवेशकों द्वारा निवेश किये जाने में विशेष रूचि दिखाई गई है जिससे उनकी संख्या में भी पर्याप्त वृद्धि हुई है। आबकारी विभाग में आबकारी पोर्टल के माध्यम से विभिन्न प्रकार के अनुज्ञापनों एवं अन्य क्रियाओं को पारदर्शी तरीके से सम्पादित किया जा रहा है जिससे किसी भी स्तर पर मानवीय हस्तक्षेप समाप्त कर दिया गया है।
अनिल साहनी निदेशक मेसर्स गोल्ड न आर्गेनिक्सन फार्म प्रा.लि. द्वारा अवगत कराया कि आबकारी विभाग के अधिकारियों ने वाइन पॉलिसी लाने में काफी मदद की है जो कि प्रदेश के फल उत्पादक कृषक भाइयों के लिए अत्यंत ही लाभकारी सिद्ध होगी। साहनी द्वारा स्वयं भी बरेली में एक वायनरी स्थापित की जा रही हैं। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश की वाइन पॉलिसी देश में सबसे लिबरल एवं आसान वाइन पॉलिसी है। उनको 30 दिन के अंदर ही वायनरी स्थापित करने की अनुमति मिल गई जो इस बात का द्योतक है कि प्रदेश के अंदर इन्वेस्टर्स में कॉन्फिडेंस जागृत हुआ है। उनका यह भी मानना था कि भविष्य में वाइन उद्योग की स्थाॉपना से प्रदेश के फल उत्पादक किसान भाइयों को अत्यंत लाभ होगा।
मदिरा व्यवसाय से जुड़े रेडिको खेतान लिमिटेड के चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर अमर सिन्हाक ने अपने विचार करते हुए अवगत कराया गया कि आज उत्तकर प्रदेश उद्योगों की स्थाहपना के लिये निवेशकों की पहली पसन्द बन गया है। वर्ष 2016-17 के बाद जब से मदिरा व्यवसाय में एकाधिकार समाप्त हुआ है। प्रदेश के मदिरा व्यवसाय में ढाई गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। प्रदेश सरकार की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उनके द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश सरकार ने इकाइयों की स्थापना में किए गए सुधारों और इज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत अब निवेश करना आसान हो गया है तथा सिंगल विंडो एप्रोच से समस्त प्रक्रिया पूर्ण हो जाती हैं। उनके द्वारा उनके द्वारा मुख्यमंत्री के उद्घोष लोकल फॉर वोकल के वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के अंतर्गत प्रदेश के मदिरा व्यवसाय को भी काफी लाभ पहुंच रहा है। 2017 के बाद यूपी में अपार अवसर की संभावनायें जागृत हुई हैं। आबकारी विभाग की विकासोंन्मुखी पॉलिसी से प्रदेश के आसवनी उद्योग के निवेशकों को काफी राहत पहुंची है। आने वाले समय में एथेनॉल उत्पादन में निवेश की असीम संभावनाएं हैं। तत्पश्चात विनीत चोपड़ा जो वैलप ब्रिवरीज प्राइवेट लिमिटेड के एमडी हैं ने बताया कि जिस प्रकार का सहयोग आबकारी विभाग से प्राप्त हुआ है उसे बयां करना अत्यंत कठिन है। वह दिल से आबकारी विभाग के अधिकारियों के शुक्रगुजार हैं कि बहुत ही कम समय में उनको अपनी ब्रेवरी लगाने में सहयोग मिला। उनका मानना था कि प्रदेश एम.एस.एम.ई. कैपिटल ऑफ इंडिया बन गया है।
आज ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में सर्वप्रथम अनुराग दुआ जो ई वाई के सम्मिट पार्टनर हैं ने सर्वप्रथम प्रदेश के अंदर किए जा रहे निवेश के संबंध में अवगत कराया कि आबकारी एवं शुगर इंडस्ट्री प्रदेश के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, यही नहीं इन दोनों विभागों ने कोविड-19 जैसी महामारी के समय भी देश एवं प्रदेश दोनों की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह दोनों विभाग इन्वेस्टमेंट प्रमोशन में भी आगे रहे हैं।
इस अवसर पर आबकारी एवं गन्ना विभाग से जुड़े अधिकारी, इन्वेस्टर्स आदि उपस्थित थे।
“उत्तर प्रदेश ग्लो्बल इन्वेंर्स्ट्स समिट-2023’’ समृद्धि का स्वर्णिम अध्याय लायेगा, इज आफ डूइंग बिजनेस नीति से चीनी एवं आबकारी औद्योगिक इकाईयों की स्थापना हुई आसान
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