लखनऊ। यूपी बोर्ड ने परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों की तैनाती का नियम बदल दिया है। कक्ष निरीक्षकों की तैनाती पहले स्थानीय स्तर पर होता था लेकिन अब यह यूपी बोर्ड स्तर के अधिकारियों के माध्यम से होगा। लेकिन अभी तक कॉलेजों की ओर से अपने—अपने शिक्षकों का ब्योरा नहीं दिया गया है।
ऐसे में कक्षनिरीक्षकों का परिचय पत्र भी बनने में देरी होगी। ब्योरा न देने वाले कॉलेजों के प्रति सचिव परिषद दिब्यकांत शुक्ला ने नाराजगी जाहिर की है। साथ ही जिला विद्यालय निरीक्षकों को आदेश दिए हैं कि कॉलेजों के शिक्षकों को ब्योरा जल्द से जल्द वेबसाइट पर अपलोड करायें ताकि समय से कक्षनिरीक्षकों का परिचय पत्र तैयार हो सके।
बता दें कि 2022 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए कक्ष निरीक्षकों की तैनाती अपने स्तर से करेगा। पिछले साल तक यह कार्य जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय करता रहा है। ड्यूटी को लेकर पारदर्शिता बरतने व मनमानी रोकने की दृष्टि से बोर्ड ने यह कदम उठाया है।
परिषद की वेबसाइट पर अभी तक 60 फीसदी ही शिक्षकों का ब्योरा अपलोड हो पाया है। हालांकि पिछले साल जो ब्योरा अपलोड किया गया था इसमें से कई शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे में बोर्ड ने इस बार पुन: नए सिरे से शिक्षकों का ब्योरा अपलोड करने का निर्देश दिया है।
इसी आधार पर बोर्ड कक्ष निरीक्षकों की तैनाती करेगा। इसके पहले भी बोर्ड वर्ष 2016-17 में कक्ष निरीक्षकों की तैनाती अपने स्तर से करने का प्रयास किया था, लेकिन असफल रहा था। यह दूसरा मौका जब बोर्ड पुन: यह प्रयोग करने जा रहा है। इस बार 52 लाख परीक्षार्थी 8 हजार 375 केन्द्रों पर परीक्षा देंगे।
गलत जानकारी पर होगी कार्रवाई
कक्ष निरीक्षकों की तैनाती को लेकर इस बार बोर्ड ने 15 बिंदुओं की जानकारी मांगी गई थी। इनमें अध्यापकों का नाम, जन्मतिथि व वर्तमान पद पर नियुक्ति समेत अन्य जानकारियां शामिल हैं। बोर्ड ने पहले ही हिदायत दे रखी थी कि गलत जानकारी वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।
पांच मार्च तक अंतिम मौका
जिन कॉलेजों ने शिक्षकों का ब्योरा बोर्ड की वेबसाइट पर अपलाेड नहीं किया है। उनको पांच मार्च तक मौका दिया गया है, नहीं तो इसके बाद संबंधित विद्यालयों के विद्यार्थियों के अनुक्रमांक फ्रीज करने तथा राजकीय व सहायता प्राप्त प्रधानाचार्यों की वेतन रोकने की डीआइओएस द्वारा संस्तुति की जाएगी।