नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राहुल गांधी के एक बयान को कथित तौर पर गलत तरीके से पेश करने के मामले के आरोपी टेलीविजन एंकर को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने जानबूझकर जांच में हस्तक्षेप किया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि संबंधित टेलीविजन एंकर की गिरफ्तारी का वारंट एक सक्षम न्यायालय द्वारा सार्वजनिक रुप से उपलब्ध तथ्यों के साथ किए गए आवेदन के आलोक में जारी किया गया था।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक आरोपी को बचाने के लिए चल रही जांच में जानबूझकर हस्तक्षेप किया है। उन्होंने गंभीर अपराधों के दोषी व्यक्ति को न्याय संगत जांच से बचाने के लिए बिना किसी कारण या स्पष्टीकरण के राज्य तंत्र को तैनात किया।’’ रमेश ने सवाल किया, ‘‘ ऐसा क्या रहस्य है, जिसके इस जांच के माध्यम से उजागर होने के डर से उनके राजनीतिक आकाओं के हाथ-पैर फूल गए हैं?
क्या भाजपा यह दावा कर सकती है कि न्यायालयों का भी राजनीतिकरण हो गया है? भाजपा अगर आरोपियों को बचाने के लिए इतनी उत्सुक है, तो इसके लिए अदालत का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाती?’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘यह उत्तर प्रदेश पुलिस और उनके राजनीतिक आकाओं द्वारा न्यायालय के वारंट की स्वेच्छापूर्ण अवमानना का कृत्य है।’’
राहुल गांधी के बयान को ‘‘गलत संदर्भ’’ में दिखाते हुए एक समाचार प्रसारित करने के मामले में टेलीविजन समाचार एंकर रोहित रंजन को उनके घर से गिरफ्तार करने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस का एक दल मंगलवार सुबह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद पहुंचा, लेकिन उन्हें (रंजन को) नोएडा पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया।
कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ की पुलिस निजी समाचार चैनल ‘जी न्यूज’ के प्रस्तोता रंजन के गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित घर पर तड़के पहुंची और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित उत्तर प्रदेश के नोएडा का पुलिस दल इसके कुछ घंटे बाद उनके घर पहुंच गया।
छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई, लेकिन उसने कहा कि उसने रंजन को गिरफ्तारी वारंट दिखाया और उनसे जांच में सहयोग मांगा। इससे पहले, रंजन ने अपने टीवी कार्यक्रम में गांधी के बयान को ‘‘गलत संदर्भ में’’ उदयपुर हत्याकांड से ‘‘गलती से’’ जोड़कर दिखाने के लिए दो जुलाई को माफी मांगी थी।