सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी की बृहस्पतिवार को तीसरी बैठक में मौजूद प्रधान मुख्य आयुक्त, केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर डॉ उमाशंकर व आयुक्त राज्य कर मिनिस्ती एस. ने संयुक्त रूप से स्पष्ट किया कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जाँच को लेकर विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का कोई अभियान नहीं चलाया जा रहा है। अतः व्यापारियों को किसी भी प्रकार की भ्रामक ख़बरों से चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है।
जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी के सदस्य मनीष खेमका ने बैठक के बाद यह जानकारी देते हुए बताया कि जीएसटी विभाग द्वारा अनेक मानकों पर चिन्हित सिर्फ़ संदिग्ध फर्मों की ही जाँच की जा रही है। इन फ़र्ज़ी फर्मों के कारण सही व्यापारियों को भी नुक़सान उठाना पड़ रहा है। उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पीड़ित करदाताओं की ऐसी अनेक शिकायतों के बाद ही विभाग द्वारा यह कार्रवाई की जा रही है, जिसका सामान्य व्यापारियों से कोई लेना देना नहीं है। पिछले कुछ दिनों से जारी इस भ्रम पर विराम लगाने के लिए खेमका ने उच्चाधिकारियों का आभार भी व्यक्त किया।
देश की एक शीर्ष कम्पनी के मामले का हवाला देते हुए जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी के सदस्य मनीष खेमका ने कारोबार को और सुगम बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सामान्य मामलों में यदि माल को रोके जाने की आवश्यकता पड़ती है तो समाधान की प्रक्रिया को और सुगम बनाया जाना चाहिए, जिससे व्यापारियों को इसके लिए अतिरिक्त ख़र्च वहन न करना पड़े। योगी सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी के लक्ष्य के साथ ही प्रतिस्पर्धा के इस दौर में गिरते मुनाफ़े के बाद भी करदाताओं के अस्तित्व को बचाए रखना हम सभी के लिए एक ज़िम्मेदारी भी है, और चुनौती भी। इस बैठक में उत्तर प्रदेश में जीएसटी विभाग के केंद्र व प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों समेत अनेक प्रतिनिधि मौजूद थे।