
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, मुंबई : दुनियाभर में प्रशंसित फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने एक अनूठी और साहसिक सिनेमाई शैली को प्रस्तुत करने की पहल की है। वे मलयालम थ्रिलर ‘फूटेज’ के हिंदी संस्करण को प्रस्तुत कर रहे हैं, जो 7 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने के लिए पूरी तरह तैयार है।
इस फिल्म में प्रसिद्ध अभिनेत्री मंजू वारियर (‘थुनिवु’, ‘असुरन’ और ‘लूसीफर’) मुख्य भूमिकाओं में हैं। उनके साथ विशाख नायर (‘आनंदम’ और ‘इमरजेंसी’) और गायत्री अशोक (‘मेंबर रमेशन’) भी फिल्म में नजर आएँगे। यह फाउंड-फुटेज मिस्ट्री फिल्म पिछले साल केरल में रिलीज़ हुई थी और इसे जबरदस्त सराहना मिली थी।
‘फूटेज’ का निर्देशन सैजू श्रीधरन ने किया है, जो राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘महेशिंते प्रतिकरम’ (2016) के साथ-साथ प्रशंसित फिल्मों ‘कुंबलंगी नाइट्स’ (2019) और ‘अन्वेषिप्पिन कंडेथुम’ (2024) में एडिटर के रूप में काम कर चुके हैं।
अनुराग कश्यप ने फिल्म को लेकर कहा, “मैंने ‘फूटेज’ का मलयालम संस्करण देखा और यह मेरे दिमाग में बस गया। यह फिल्म दिखाती है कि उन्होंने इतनी कठिन परिस्थितियों में इसे कैसे बनाया और कहानी को दो अलग-अलग दृष्टिकोणों से प्रस्तुत किया। यह देखना रोमांचक है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के युवा फिल्ममेकर खुद को किसी एक शैली, स्टाइल या तकनीक तक सीमित नहीं कर रहे, बल्कि नए तरीके खोजकर कहानियों को प्रस्तुत कर रहे हैं। मुझे लगा कि हिंदी दर्शकों को भी इस फिल्म का अनुभव लेना चाहिए।”
मंजू वारियर ने बताया कि ‘फूटेज’ पर काम करना एक “टीमवर्क का बेहतरीन अनुभव” था। उन्होंने कहा, “फाउंड-फुटेज फॉर्मेट ने फिल्म को किरदारों की खुद की रिकॉर्डिंग्स के माध्यम से प्रस्तुत किया, जिससे यह अनुभव और भी अनोखा और प्रभावशाली बन गया। यह बेहद चुनौतीपूर्ण और रोमांचक था।”
निर्देशक सैजू श्रीधरन ने कहा कि इस फाउंड-फुटेज फिल्म को बनाना पूरी टीम के लिए एक उपलब्धि थी और उन्होंने अनुराग कश्यप का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने इस फिल्म का समर्थन किया।
उन्होंने कहा, “हम अनुराग कश्यप सर और सिनेपोलिस के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जिन्होंने हमारी फिल्म को हिंदी दर्शकों तक पहुँचाने में सहायता की। यह हमारी अविश्वसनीय कास्ट और क्रू की मेहनत के बिना संभव नहीं हो पाता।“
विशाख नायर ने बताया कि फिल्म की पूरी टीम ने “बिना किसी सुरक्षा कवच के, पूरी मेहनत और जुनून के साथ” इसे बनाया है। उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि यह फिल्म हिंदी दर्शकों के लिए एक शानदार थिएट्रिकल अनुभव साबित होगी।”
गायत्री अशोक ने बताया कि दक्षिण भारत में इस फिल्म को बेहद उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली और अब उन्हें यकीन है कि एक बड़ा दर्शक वर्ग भी इस फिल्म को उतना ही पसंद करेगा। उन्होंने कहा, “यह मेरे करियर की बड़ी उपलब्धियों में से एक है कि फिल्ममेकर अनुराग कश्यप हमारी फिल्म को प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे ‘फूटेज’ को तकनीकी और सिनेमाई दृष्टि से उत्कृष्ट फिल्म के रूप में मान्यता मिली है।”
फिल्म की आधिकारिक कहानी:
‘फूटेज’ की कहानी विशाख और गायत्री की है, जो एक कपल हैं और अपने दिलचस्प यूट्यूब व्लॉग्स के लिए जाने जाते हैं। इसके लिए वे रहस्यमयी घटनाओं की खोज करते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान जब वे घर में कैद होते हैं, तब उनकी दिलचस्पी अपनी नौकरानी के गूँगे मालिक की जिंदगी में बढ़ने लगती है, जो उनके ही अपार्टमेंट में रहता है।
आधिकारिक सिनॉप्सिस में कहा गया है, “इस रहस्यमयी व्यक्ति की गुप्त जीवनशैली की जाँच करते-करते वे एक सुनसान द्वीप तक पहुँच जाते हैं, जहाँ उनकी एक रोमांचक यात्रा शुरू होती है। क्या वे अपने पड़ोसी के रहस्य को उजागर कर पाएँगे? यह फिल्म कोविड-19 के पहले, दौरान और बाद की घटनाओं को जोड़ते हुए एक रहस्यमयी कथा प्रस्तुत करती है।“
यह घोषणा ऐसे समय में आई है, जब अनुराग कश्यप ने हाल ही में नतेश हेगड़े की कन्नड़ फिल्म ‘टाइगर्स पोंड’ (‘वगचिपानी’) को भी प्रस्तुत किया था, जो इस महीने बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होने वाली पहली कन्नड़ भाषा की फिल्म बनी।
‘फूटेज’ को मूवी बकेट ने निर्मित किया है। फिल्म के हिंदी संस्करण को सिनेपोलिस के साथ रिलीज़ किया जा रहा है, जबकि इसके वितरण की जिम्मेदारी फ्लिप फिल्म्स ने ली है। फ्लिप फिल्म्स हाल ही में ‘टाइगर्स पोंड’ को समर्थन दे चुका है और इससे पहले ‘कस्तूरी’ और ‘ईब आले ऊ’ जैसी चर्चित फिल्मों का भी वितरण कर चुका है।