सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : विधानसभा में नेता विपक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार हर बार ये दावा करती है कि बड़ा बजट आ रहा है। बजट केवल नाम का नहीं, काम का आना चाहिए। यह बजट गुमराह करने वाला है। झूठा इंसान अपने अलावा किसी को धोखा नहीं देता है। यह विजनलेस बजट है। श्री यादव ने 2024-2025 के प्रस्तुत उत्तर प्रदेश के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में यह बात कही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जब तक गैर बराबरी खत्म नहीं होगी तो सबका साथ कैसे होगा? यह बजट केवल 10 प्रतिशत सम्पन्न लोगों के लिए बना है। 90 प्रतिशत लोगों के लिए जो पीडीए है, यह बजट नहीं है। इस बजट से गैर बराबरी बढ़ेगी, अमीर-गरीब के बीच दूरी बढ़ेगी !
यादव ने कहा कि केन्द्र और राज्य में भाजपा की डबल इंजन सरकारें हैं। इन्हें हिसाब किताब देना चाहिए कि दिल्ली के 10 साल और उत्तर प्रदेश के 7 साल का। दोनों जगह नेतृत्व नहीं बदला है। अभी भी सड़कों पर गड्ढ़े नहीं भरे गए हैं लेकिन भारी बजट खर्च हो गया है। नौकरी नहीं, रोजगार नहीं और किसान की आय दोगुनी नहीं हुई।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार आंकड़ों को छुपा रही है। सबसे ज्यादा जो पीड़ित, दुःखी या जिसके साथ अन्याय हो रहा है, भेदभाव हो रहा है, वहीं 90 प्रतिशत पीडीए है जिसको थानों में न रिपोर्ट लिखी जा रही और न कोई सुनवाई हो रही है।
यादव ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की बात करते है, इस उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ डूंइंग बिजनेस नहीं, ईज ऑफ डूइंग क्राइम, करप्शन चल रहा है। ईज ऑफ डूइंग चीटिंग चल रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर एकोनॉमी का सपना दिखाती है तो उत्तर प्रदेश की सरकार एक ट्रिलियन डॉलर की बात कर रही है। ये लोग नाली और सड़क तक तो बना नहीं पा रहे है। किसान के फसलों की सरकारी खरीद नहीं हो रहा है। एक किलो आलू भी खरीदा हो तो बताए? यहां के नौजवान मजबूरी में बाहर नौकरी करने जा रहे है। अस्पतालों की दशा खराब है। यूपी में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम है।
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने बजट में मुख्यमंत्री जी ने खेत सुरक्षा योजना के लिए 50 करोड़ का बजट रखा है। यह कौन सी योजना है ?