
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 10 अप्रैल को बलात्कार के एक मामले में अभियुक्त को ज़मानत देते हुए कहा है कि महिला ने खुद ही मुसीबत को न्योता दिया था, उसके साथ जो भी हुआ है वो उसके लिए खुद ज़िम्मेदार है.
इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कुमार कर रहे थे. उत्तर प्रदेश में एम.ए. की एक छात्रा ने अपने पुरुष मित्र पर रेप का आरोप लगाया था. यह मामला सितंबर 2024 का है. जस्टिस ने इस मामले में अभियुक्त की याचिका पर सुनवाई करते हुए ज़मानत दे दी है.
सितंबर, 2024 में छात्रा अपनी तीन महिला मित्रों के साथ दिल्ली के एक बार में गई थी. जहां उनकी मुलाकात जान- पहचान के कुछ पुरुषों से हुई, जिनमें से एक अभियुक्त भी था.
छात्रा ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा कि वो शराब के नशे में थी और उस समय पर भी अभियुक्त उसके करीब आ रहा था. वो लोग सुबह तीन बजे तक बार में थे और अभियुक्त बार-बार छात्रा से उसके साथ चलने के लिए कहता रहा.
छात्रा ने बताया कि अभियुक्त के कई बार कहने पर वह उसके घर आराम करने के लिए जाने को तैयार हो गई. लेकिन अभियुक्त उसे अपने घर नोएडा ले जाने के बजाय अपने रिश्तेदार के फ्लैट में ले गया, जहां उसने छात्रा के साथ बलात्कार किया. छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज करते हुए अभियुक्त को दिसंबर 2024 में गिरफ़्तार कर लिया.
अभियुक्त ने ज़मानत की अर्जी में अदालत से कहा कि, महिला को उस वक़्त उस की ज़रूरत थी. वो ख़ुद ही उनके साथ चलने को तैयार हो गईं. अभियुक्त ने रेप के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि दोनों के बीच यौन संबंध सहमति से बने !