
सूर्योदय भारत समाचार सेवा : सिंगापुर के सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फ़ैसले में कंटेंट को ‘कॉपी-पेस्ट’ करने के आधार पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के मध्यस्थता फ़ैसले को ख़ारिज कर दिया है !

सिंगापुर की शीर्ष अदालत ने इसे इस आधार पर ख़ारिज किया कि फ़ैसले के बड़े हिस्से को ‘कॉपी-पेस्ट’ किया गया था.
पूर्व सीजेआई जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में एक पैनल ने यह फ़ैसला दिया था. इस पैनल में भारत के दो अन्य रिटायर्ड जस्टिस भी शामिल थे.
यह पैनल रेलवे फ़्रेट कॉरिडोर के प्रबंधन के लिए भुगतान किए जाने वाले वेतन के संबंध में कई कंपनियों के बीच विवाद की सुनवाई कर रहा था. भारत सरकार ने साल 2017 में न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की थी, जिसके कारण फ़्रेट कॉरिडोर के प्रबंधन के लिए अतिरिक्त भुगतान को लेकर विवाद खड़ा हो गया था.
इस विवाद के कारण तीन मध्यस्थताओं पर एक साथ सुनवाई चली. इनमें से दो की सुनवाई भारत में और एक की सिंगापुर में चल रही थी. जस्टिस मिश्रा तीनों में मुख्य मध्यस्थ थे.
अदालतों के पास कुछ सीमित कारणों से मध्यस्थ फ़ैसलों को रद्द करने की शक्ति है. सिंगापुर में आयोजित मध्यस्थता को सिंगापुर की अदालत में चुनौती दी गई थी.