
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : राज्य आयुक्त दिव्यांगजन प्रो. हिमांशु शेखर झा की अध्यक्षता में इंदिरा भवन स्थित सभाकक्ष में सार्वजनिक भवनों में बाधारहित सुविधाओं की उपलब्धता विषयक संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दिव्यांगजन को सुगम्य वातावरण प्रदान करना तथा कार्यदायी संस्थाओं को उनके दायित्वों के प्रति जागरूक करना था।
Harmonized Guidelines के प्रावधानों पर चर्चा
राज्य आयुक्त ने कार्यदायी संस्थाओं से समन्वय करते हुए अवसंरचना के पर्यवेक्षणीय दायित्वों पर बल दिया। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 40-46 के तहत सभी प्रतिष्ठानों को दिव्यांगजन के लिए बाधारहित सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इसी क्रम में भारत सरकार के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा Harmonized Guidelines and Standards for Universal Accessibility in India, 2021 जारी की गई है, जिसमें भवनों को दिव्यांगजन और वृद्धजनों के लिए सुगम्य एवं बाधारहित बनाने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
निर्माण एजेंसियों को बाधारहित अवसंरचना सुनिश्चित करने के निर्देश
प्रमुख सचिव, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, सुभाष चंद शर्मा ने निर्माण एजेंसियों और स्वैच्छिक संगठनों को निर्देश दिया कि वे अपने अधीनस्थ भवनों में बाधारहित वातावरण सुनिश्चित करें और इसकी नियमित मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि सभी भवनों में सीढ़ियों के साथ रैंप, ब्रेल साइनेज, टैक्टाइल पाथवे, ऑडियो सिग्नल एवं व्हीलचेयर-फ्रेंडली वॉशरूम जैसी सुविधाएं आवश्यक रूप से उपलब्ध होनी चाहिए।
विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव
उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड, लखनऊ के वरिष्ठ वास्तुविद योगेंद्र कुमार, मृदु आर. गोयल, राम गोयल और सीआरसी लखनऊ के प्रतिनिधि जी. शंकर गणेश ने बाधारहित अवसंरचना से जुड़े मानकों पर विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने निर्माण एजेंसियों को इन मानकों के अनुसार कार्य करने की सलाह दी।
इस अवसर पर उपायुक्त अमित कुमार सिंह, शैलेंद्र कुमार सोनकर, उपनिदेशक डॉ. अमित कुमार राय सहित विभागीय विशेष विद्यालयों, स्वैच्छिक संस्थानों एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।