
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, चित्रकूट : कला के बिना जीवन नीरस होता है, कलाकृतियों को देखकर मन और आत्मा को शांति प्राप्ति होती है। मन में उर्जा का संचार होता है, वह कला ही है, जिसके माध्यम से हम प्रफ़ुल्लित होते हैं। यह बातें जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट के कुलपति प्रो. शिशिर कुमार पांडेय ने कहीं। वे महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कला दीर्घा में ऋतु रंग विषयक 3 दिवसीय कला प्रदर्शनी के समापन समारोह में अपनी बात रख रहे थे। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग द्वारा कला दीर्घा में ऋतु रंग विषयक कला प्रदर्शनी लगाई गई थी। आज हुए समापन समारोह की अध्यक्षता ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. भरत मिश्र ने की।
इस अवसर पर ललित कला विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रसन्न पाटकर, डॉ. अभय वर्मा, डॉ. जय शंकर मिश्र, डॉ. राकेश मौर्य सहित शिक्षक , कर्मचारी और ललित कला के शोधार्थी , छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।
ग्रामदर्शन का किया अवलोकन

ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर भरत मिश्रा ने उपस्थित मेहमानों को परिसर में बने ग्राम दर्शन का भ्रमण करवाया और वहां बनी कलाकृतियां के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान प्रो. शिशिर कुमार पांडेय ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय के इस नवाचारी प्रकल्प की मुक्त कंठ से सराहना भी की।