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महिला सुरक्षा में रेलवे सुरक्षा बल का अभूत पूर्व योगदान

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को महिलाओं के अधिकारों, सशक्तिकरण और समानता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। भारत में यह दिवस लैंगिक असमानताओं और सामाजिक बाधाओं को उजागर करता है, जिनमें वेतन असमानता, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच, कार्य स्थल भेद भाव, सार्वजनिक स्थानों पर उत्पीड़न, और डिजिटल विभाजन शामिल हैं। महिला की सुरक्षा में रेल सुरक्षा बल का अभूत पूर्व योगदान रहा है। रेल सुरक्षा बल भारत का एकमात्र अर्द्धसैनिक बल है जिसमें महिला सदस्यों की संख्या सबसे अधिक है।
ट्रेन यात्रा में महिलाओं की चुनौतियाँ:

  1. सुरक्षा समस्याएँ – छेड़खानी, शारीरिक हमले, अपर्याप्त रोशनी और पुलिस की अनुपस्थिति।
  2. सुविधाओं की कमी – गंदे शौचालय, महिला डिब्बों की सीमित संख्या और अलग कतारों का अभाव।
  3. रात्रि यात्रा असुरक्षा – सामान चोरी, गोपनीयता की कमी और सुरक्षित भोजन की समस्या।
  4. आपातकालीन सहायता में देरी – हेल्पलाइन सेवाओं की धीमी प्रतिक्रिया।
  5. सामाजिक मानसिकता – अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं के प्रति निर्णयात्मक रवैया।
    RPF की पहलें:
  6. मेरी सहेली पहल –अकेली यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा, इसकी शुरूआत वर्ष 2020 में की गई ।
  7. शक्ति, दुर्गा और देवी स्क्वाड –रेलवे परिसर में गश्त, ये टीमें उत्पीड़न, स्टॉकिंग और छेड़खानी के मामलों को संभालती हैं।
  8. 139रेलवे हेल्प लाइन – महिलाओं के लिए 24×7 आपातकालीन सहायता।
  9. CCTV कैमरे व पैनिक बटन – निर्भया फंड के तहत सुरक्षा उपाय।
  10. ऑपरेशन मातृ शक्ति – गर्भवती महिलाओं की सहायता।
  11. मानव तस्करी विरोधी इकाइयाँ-इस पहल के तहत तस्करी के शिकार, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की पहचान कर सुरक्षा प्रदान किया जाता है ।
  12. ऑपरेशन जीवन रक्षा-यह ऑपरेशन, प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच फंसने वाले यात्री पर केंद्रित है ।
  13. ऑपरेशन डिग्निटी –इसके तहत जरूरतमंद लोगों जैसे- बुजुर्ग औऱ बेसहारा लोगों की सहायता किया जाता है ।
  14. ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते – यह मुख्य रूप से गुम शुदा और तस्करी के शिकार बच्चों को बचाने के लिए चलाया गया है।
  15. अक्षिता सेफ बबल – दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) ने ‘अक्षिता सेफ बबल’ पहल शुरू की है, जिसमें प्लेटफॉर्म पर महिला यात्रियों के लिए सुरक्षित प्रतीक्षा क्षेत्र बनाए गए हैं।
    निष्कर्ष: महिला सुरक्षा हेतु रेलवे सुरक्षा बल (RPF) द्वारा उठाए गए कदम ट्रेन यात्रा को अधिक सुरक्षित बना रहे हैं, जिससे महिलाएँ आत्मविश्वास और सुरक्षा के साथ यात्रा कर सकें। महिला सुरक्षा के क्षेत्र में रेलवे सुरक्षा बल का योगदान अतुलनीय है ।
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