
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए निर्धारित लक्ष्य की दिशा में माध्यमिक शिक्षा विभाग प्रदेश गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने, विद्यालयों के भौतिक एवं शैक्षिक स्तर पर सुधार और विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा से जोड़ने हेतु ठोस कदम उठा रहा है।
शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, लखनऊ में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक छात्र-छात्रा तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि 01 अप्रैल, 2025 से नया शैक्षिक सत्र आरंभ हो चुका है।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने मंडलीय और जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्यालय निरीक्षण और अनुश्रवण की प्रक्रिया गंभीरता से अपनाई जाए। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर से साप्ताहिक व मासिक समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए, जिससे योजनाओं की प्रगति पर निरंतर नजर रखी जा सके।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को रोजगार के अनुकूल शिक्षा देने हेतु 635 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित की जा रही है। प्रोजेक्ट प्रवीण के अंतर्गत 315 विद्यालयों को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से जोड़ा गया है। तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहन देने हेतु प्रदेश के 1236 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना का कार्य जारी है। विज्ञान शिक्षा के लिए प्रथम चरण में 303 विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशालाओं और द्वितीय चरण में 18 विद्यालयों में प्रयोगशालाओं का निर्माण किया जा रहा है। 488 विद्यालयों में पुस्तकालय कक्षों के निर्माण की योजना पर कार्य प्रगति पर है।
विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा के0के0 गुप्ता, उमेश चंद्र, महानिदेशक स्कूल शिक्षा सुश्री कंचन वर्मा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ महेंद्र देव, अपर शिक्षा निदेशक सुरेंद्र कुमार तिवारी, अजय कुमार द्विवेदी, सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद भगवती सिंह सहित समस्त मंडलों के संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं उप शिक्षा निदेशक उपस्थित रहे।