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प्रधानमंत्री मोदी ने नौ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई

“वो दिन दूर नहीं, जब वंदेभारत देश के हर हिस्से को कनेक्ट करेगी”

सूर्योदय भारत समाचार सेवा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज रविवार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नौ वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये नई वंदे भारत ट्रेनें देश भर में कनेक्टिविटी में सुधार और रेल यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक कदम हैं। जिन नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई, वे हैं:

उदयपुर- जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस
तिरुनेलवेली-मदुरै-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस
हैदराबाद-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस
विजयवाड़ा-चेन्नई (रेनिगुंटा के रास्ते) वंदे भारत एक्सप्रेस
पटना-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस
कासरगोड-तिरुवनंतपुरम वंदे भारत एक्सेप्रेस
राउरकेला-भुवनेश्वर-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस
रांची-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस
जामनगर-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस

“आने वाले दिनों में अमृत भारत स्टेशन नए भारत की पहचान बनेंगे”

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नौ वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाए जाने को देश में आधुनिक कनेक्टिविटी का एक अभूतपूर्व अवसर बताया। उन्होंने कहा, “देश में बुनियादी ढांचे के विकास की यह गति और पैमाना 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं से बिल्कुल मेल खाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से शुरू हुई ट्रेनें अधिक आधुनिक और आरामदायक हैं। उन्होंने कहा कि ये वंदे भारत ट्रेनें नए भारत के नए उत्साह का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों में एक करोड़ ग्यारह लाख से ज्यादा लोगों ने सफर किया है और इस बात पर खुशी जताई कि वंदे भारत के प्रति उत्साह बढ़ रहा है।

रेलवे के प्रत्येक कर्मचारी को सुगम यात्रा और यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए लगातार संवेदनशील रहना होगा

प्रधानमंत्री ने बताया कि 25 वंदे भारत ट्रेनें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लोगों की सेवा में है। उन्होंने कहा कि आज इसमें 9 और वंदे भारत ट्रेनों को जोड़ा जा रहा है और वो दिन दूर नहीं, जब वंदेभारत देश के हर हिस्से को कनेक्ट करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वंदे भारत उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो समय बचाना चाहते हैं और एक ही दिन में यात्रा करना चाहते हैं। उन्होंने वंदे भारत से जुड़े स्थानों पर पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि पर भी प्रकाश डाला।

अब रेलवे स्टेशनों का जन्मदिन मनाने की परंपरा को और विस्तार दिया जाएगा और इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल किया जाएगा

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में आशा और विश्वास के माहौल को रेखांकित करते हुए कहा कि हर नागरिक देश की उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहा है। उन्होंने चंद्रयान 3 और आदित्य एल1 की ऐतिहासिक सफलताओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसी तरह जी-20 की सफलता ने भारत के लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और विविधता की ताकत को प्रदर्शित किया है।

उन्होंने नारीशक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख करते हुए इसे महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक निर्णायक क्षण बताया। इस संबंध में उन्होंने उल्लेख किया कि कई रेलवे स्टेशनों को महिला अधिकारियों द्वारा चलाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मविश्वास से भरा भारत अपने वर्तमान और भविष्य की जरूरतों पर एक साथ काम कर रहा है। उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास में निर्बाध समन्वय के लिए पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान और परिवहन और निर्यात से संबंधित शुल्कों में कमी के लिए नई लॉजिस्टिक पॉलिसी को सूचीबद्ध किया। उन्होंने मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के बारे में भी बात की क्योंकि परिवहन के एक साधन को अन्य साधनों का समर्थन करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यह सब आम नागरिकों के लिए यात्रा की सुगमता में सुधार के लिए है।

आम नागरिकों के जीवन में रेलवे के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने पहले के समय में इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की उपेक्षा पर खेद व्यक्त किया। भारतीय रेल के कायापलट के लिए मौजूदा सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बजट में वृद्धि की जानकारी दी। रेलवे के लिए इस वर्ष का बजट 2014 के रेल बजट से आठ गुना अधिक है। इसी तरह दोहरीकरण, विद्युतीकरण और नए मार्गों पर काम चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि विकसित होने के पथ पर अग्रसर भारत को अब अपने रेलवे स्टेशनों का भी आधुनिकीकरण करना होगा। इसी सोच को ध्यान में रखते हुए भारत में पहली बार रेलवे स्टेशनों के विकास और आधुनिकीकरण का अभियान शुरू किया गया है। आज देश में रेल यात्रियों की सुविधा के लिए रिकॉर्ड संख्या में फुट ओवर ब्रिज, लिफ्ट और एस्केलेटर का निर्माण किया जा रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही देश के 500 से ज्यादा बड़े स्टेशनों के पुनर्विकास का काम शुरू किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत काल के दौरान बनाए गए इन नए स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ये स्टेशन नए भारत की पहचान बनेंगे।

इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कि रेलवे ने रेलवे स्टेशन की स्थापना का ‘स्थापना दिवस’ मनाना शुरू कर दिया है, प्रधानमंत्री ने कोयंबटूर, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और मुंबई में समारोहों का उल्लेख किया। कोयम्बटूर रेलवे स्टेशन ने 150 साल पूरे कर लिए हैं। उन्होंने कहा, “अब रेलवे स्टेशनों का जन्मदिन मनाने की इस परंपरा को और विस्तार दिया जाएगा और अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन को संकल्प से सिद्धि का माध्यम बनाया है। 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हर राज्य और हर राज्य के लोगों का विकास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अपने राज्य में रेलवे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की रेल मंत्री की स्वार्थ भरी सोच ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है और अब हम किसी भी राज्य को पीछे नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा, ‘हमें सबका साथ सबका विकास के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना होगा।

प्रधानमंत्री ने मेहनती रेलवे कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उनसे यात्रियों के लिए हर यात्रा को यादगार बनाने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा, “रेलवे के प्रत्येक कर्मचारी को यात्रा को सुविधाजनक बनाने और यात्रियों को अच्छा अनुभव प्रदान करने के लिए लगातार संवेदनशील रहना होगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में नागरिकों ने रेलवे की स्वच्छता के नए मानकों पर गौर किया है। उन्होंने सभी से महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए 1 अक्टूबर को सुबह 10 बजे प्रस्तावित स्वच्छता अभियान में शामिल होने के लिए कहा। उन्होंने सभी से खादी और स्वदेशी उत्पादों की खरीद के लिए खुद को फिर से समर्पित करने और 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, सरदार पटेल की जयंती के दौरान स्थानीय लोगों के लिए वोकल फार लोकल होने के लिए भी कहा।

प्रधानमंत्री ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा, “मुझे विश्वास है कि भारतीय रेलवे और समाज में हर स्तर पर हो रहे बदलाव विकसित भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।”

समारोह में सम्बंधित राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, संसद सदस्य, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और अन्य लोग शामिल हुए।

पृष्ठभूमि

ये नौ ट्रेनें 11 राज्यों- राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, ओडिशा, झारखंड और गुजरात में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी।

ये वंदे भारत ट्रेनें अपने संचालन के रूटों पर सबसे तेज गति से दौड़ेंगी और यात्रियों के समय में काफी बचत करेंगी। रूट पर मौजूदा सबसे तेज ट्रेन की तुलना में राउरकेला-भुवनेश्वर-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस और कासरगोड-तिरुवनंतपुरम वंदे भारत एक्सप्रेस लगभग तीन घंटे जल्दी सफर तय करेंगी; हैदराबाद-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस 2.5 घंटे से अधिक समय की बचत करेगी; तिरुनेलवेली-मदुरै-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस 2 घंटे से अधिक समय की बचत करेगी; रांची-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस, पटना-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस और जामनगर-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस लगभग एक घंटे के समय की बचत करेंगी तथा उदयपुर-जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस लगभग आंधे घंटे जल्दी सफर तय करेंगी।

देश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी में सुधार करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप, राउरकेला-भुवनेश्वर-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस और तिरुनेलवेली-मदुरै-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस पुरी एवं मदुरै के महत्वपूर्ण धार्मिक शहरों को जोड़ेगी। इसके अलावा, विजयवाड़ा-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस रेनिगुंटा रूट से संचालित होगी और तिरुपति तीर्थस्थल केंद्र तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

इन वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत से देश में रेल सेवा के एक नए मानक की शुरुआत होगी। विश्व स्तरीय सुविधाओं और कवच तकनीक सहित उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित ये ट्रेनें आम लोगों, पेशेवरों, व्यापारियों, छात्रों और पर्यटकों को यात्रा के आधुनिक, त्वरित और आरामदायक साधन प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होंगी।

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