सूर्योदय भारत समाचार सेवा : उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधुरी ने बुधवार 05 जुलाई को जम्मू एवं कश्मीर में ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का दौरा कर गहन निरीक्षण किया और वहां चल रहे अन्य कार्यों का भी जायजा लिया । इस अवसर पर उनके साथ यूएसबीआरएल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एस.के. माही, कोंकण रेल निगम लिमिटेड के निदेशक आर.के. हेगड़े और यूएसबीआरएल परियोजना, कोंकण रेल निगम लिमिटेड और फिरोजपुर मण्डल के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे !
चौधुरी ने अपना निरीक्षण कटरा से शुरू किया, उसके बाद वे मोटर ट्रॉली से सुरंग टी-1 तक गये । तत्पश्चात, उन्होंने यूएसबीआरएल, कोंकण रेल निगम लिमिटेड और एजेंसी के अधिकारियों के साथ कार्य स्थल का निरीक्षण किया । उन्होंने वहां कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए कि वे टी-1 सुरंग के कार्य को पूरा करते समय सभी संरक्षा उपायों को सुनिश्चित करें। टी-1 सुरंग का कार्य निश्चित ही हिमालय की बेहद चुनौतीपूर्ण भू-भाग वाली परियोजना है । अंजी पुल के निरीक्षण के दौरान, उन्होंने वहां किये जा रहे कार्यों की सराहना की ।
इसके बाद, उन्होंने चिनाब पुल का निरीक्षण किया और चिनाब पुल से डुग्गा स्टेशन तक मोटर ट्रॉली से निरीक्षण किया । उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लक्ष्य कठिन हैं और इन्हें पूरा करने के हर संभव प्रयास किये जाने चाहिए । उन्होंने चिनाब पुल पर किये जा रहे कार्यों की सराहना की । वे बक्कल-डुग्गा सैक्शन पर चल रहे कार्यों से प्रसन्न नजर आए । साथ ही, उन्होंने परियोजना के विद्युत तथा सिग्नल एवं दूर-संचार कार्यों में तेजी लाने पर बल दिया । उन्होंने आरओसी कार्य को पूरा करने के लिए भारतीय रेल पर यूएसबीआरएल के अग्रणी रहने की सराहना की । उन्होंने रियासी में आरओसी कार्य कर रही एजेंसी के इंजीनियरों के साथ विस्तृत चर्चा की और उन्हें कार्य को उच्च प्राथमिकता पर शीघ्रता से निपटाने के निर्देश दिए ।
यूएसबीआरएल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एस.पी. माही ने परियोजना का ब्यौरा देते हुए बताया कि 272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना के 161 किलोमीटर रेलमार्ग को पहले ही खोल दिया गया है तथा यहां ट्रेन संचालन जारी है । शेष 111 किलोमीटर लंबे कटरा-बनिहाल सैक्शन पर सभी प्रकार की भौगोलिक और मौसम संबंधी चुनौतियों के बावजूद 95% कार्य पूरा हो चुका है । शेष भाग का कार्य पूरी गति से चल रहा है । भारतीय रेल हर दिन कश्मीर घाटी को शेष रेल नेटवर्क से जोड़ने के और करीब पहुंच रही है ।