
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : उत्तर रेलवे ने पार्सल और लगेज राजस्व में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए 500 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। यह उपलब्धि रेलवे की उत्कृष्ट सेवा, भरोसेमंद परिवहन व्यवस्था और ग्राहकों की बढ़ती विश्वसनीयता की और इंगित करती है।
उत्तर रेलवे द्वारा माल और यात्री सुविधाओं के साथ-साथ पार्सल व लगेज सेवाओं को भी लगातार बेहतर किया जा रहा है। विशेष पार्सल रेलगाड़ियां, एसएलआर और वीपी को लीज पर देने की व्यवस्था तथा पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन्स (पीसीईटी) व जेपीपी-आरसीएस सेवाओं के माध्यम से रेलवे ने इस क्षेत्र में बड़ा राजस्व अर्जित किया है।
इंडेंटेड पार्सल स्पेशल रेलगाड़ियां
उत्तर रेलवे ने 151 विशेष पार्सल रेलगाड़ियां चलाईं, जिससे 35.08 करोड़ रुपये की आय हुई। ये रेलगाड़ियां व्यापारियों और उद्योगों के लिए तेज और भरोसेमंद परिवहन सेवा प्रदान कर रही हैं।
एसएलआर और वीपी लीजिंग से हुई आय
रेलवे की 266 एसएलआर (SLR) को लीज पर दिया गया, जिससे 134.46 करोड़ रुपये का राजस्व मिला।
इसके अलावा, वीपी (VP) लीजिंग के तहत 129.78 करोड़ रुपये की आय हुई, जिसमें दिल्ली मण्डल द्वारा दो वीपी और अन्य रेलवे के 53 वीपी शामिल हैं।
पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन्स (PCET) की भूमिका
वर्तमान में उत्तर रेलवे से 2 पीसीईटी (ICOD/पानीपत-यशवंतपुर & पटेलनगर-रोयापुरम) चल रही हैं, इनसे अब तक 29.95 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ है।
जॉइंट पार्सल प्रोडक्ट-रैपिड कार्गो सर्विस (JPP-RCS) से बढ़ती कमाई
उत्तर रेलवे से 2 जेपीपी रेलगाड़ियां (ICOD-यशवंतपुर एवं ह.निज़ामुद्दीन-रेनिगुंटा) संचालित हो रही हैं, जिनसे 6.28 करोड़ रुपये की कमाई हुई है।
उत्तर रेलवे की यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारतीय रेलवे के कुशल प्रबंधन और यात्रियों व व्यापारियों के विश्वास का प्रमाण है। रेलवे भविष्य में भी पार्सल और लगेज सेवाओं को और अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाने के लिए प्रयासरत रहेगा।