सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में मद्यनिषेध विभाग को आवंटित बजट के सापेक्ष व्यय की गई धनराशि की समीक्षा करते हुए कहा कि फरवरी माह के अंत तक अवशेष बजट का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने अधिकारियों को नशे के दुष्परिणामों के प्रति चलाये जा रहे जागरूकता अभियान को और सक्रियता से चलाये जाने की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिय।
अग्रवाल ने यह निर्देश शनिवार अपने सरकारी आवास पर मद्यनिषेध विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा प्रदेश को नशामुक्त बनाने में मद्य निषेध विभाग की अहम भूमिका है। नशामुक्ति से संबंधित समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाये। इसके लिए विभागीय बजट को बढ़ाये जाने हेतु तत्काल प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया जाये। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारत सरकार की नशा मुक्त भारत अभियान योजना तहत अवमुक्त धनराशि 1.44 करोड़ को व्यय किये जाने की कार्ययोजना उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया। साथ ही राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में नशे के दुष्परिणामों के प्रति एक कार्यशाला आयोजित कराये जाने हेतु निर्देशित किया।
बैठक में प्रमुख सचिव, समाज कल्याण एल० वेंकटेश्वर लू, विशेष सचिव, समाज कल्याण रजनीश चन्द्र, राज्य मद्यनिषेध अधिकारी आर०एल० राजवंशी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।