मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ : लोकसभा चुनाव में ठाकुर मतों के लिये तरस गयी भाजपा को बड़ा धक्का लगा है। उत्तर प्रदेश विधानमंडल दल में कांग्रेस और बसपा से बड़ी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया प्रतापगढ़ और कौशाम्बी लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा को सबक सिखा कर उसके सहयोगी पार्टी अपना दल ( सोनेलाल पटेल ) को सबक सिखाने जा रहे हैं।
प्रतापगढ़ के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को समर्थन नहीं देने का ऐलान किया था। उसके बाद कौशाम्बी लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के नेता इंद्रजीत सरोज से चल रहे पुराने मामले चल रहे मुकदमे को उठा कर बिना मुंह खोले अपने लोगों को संदेश दे दिया। राजा के इस कदम के बाद उनके समर्थकों में कौशांबीसे लड़ रहे पुष्पेंद्र सरोज को बड़ा राजनैतिक लाभ हो गया। केद्रीय मंत्री और अपना दल [ एस ] की अध्यक्ष कुंडा में आकर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह को ललकार कर गयीं। बता दें कि राजा भइया को कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, बसपा सुप्रीमों मायावती, सपा मुखिया अखिलेश यादव व सर्वदलीय पैठ रखने वाले कांग्रेस राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने समय -समय पर कुंडा में घेरने की कोशिश किया। लेकिन अपने जनसमर्थन की ताकत से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया ने सबको आसमान दिखया। अब राजा भइया भाजपा की सहयोगी अपना दल नेता अनुप्रिया पटेल के संसदीय क्षेत्र मिर्जापुर जाकर उनके विरुद्ध प्रचार करेंगे। प्रतापगढ़ से भाजपा प्रत्याशी व वर्तमान सांसद संगम लाल गुप्ता को लेकर कहा था कि उक्त सांसद के विरुद्ध जनता में बहुत आक्रोश है। इसलिये उसका विरोध हुआ है। बता दें कि संगम लाल गुप्ता, गृहमंत्री अमित शाह का बहुत करीबी हैं। संगम लाल का महाराष्ट्र और गुजरात में रियल एस्टेट का बड़ा कारोबार है।
इसके पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और कौशांबी से भाजपा के प्रत्याशी और निवर्तमान सांसद विनोद सोनकर, राजा भैया का समर्थन हासिल करने के लिए उनके कुंडा स्थित बेंती कोठी आवास पर पहुंचे थे। करीब आधे घंटे तक दोनो नेताओं ने राजा भैया से बातचीत की और लोकसभा चुनाव में समर्थन देने का आग्रह किया था। जिसे राजा भइया ने ठुकरा दिया।
बता दें कि कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बेंगलुरु में राजा भैया से मुलाकात की थी। लेकिन उस मुलाकात का भाजपा प्रत्यशियों के हित में कुछ लाभ न मिला बल्कि भाजपा के लिये उल्टा पड़ गया।