सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना आज से देश के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगे. वो पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की जगह लेने जा रहे हैं. डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हुए हैं. नए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना का कार्यकाल 6 महीने का रहेगा. वो 13 मई 2025 तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे. आपको बता दें कि 12 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ को एक लेटर भेजा था. इसमें उनसे अपने उत्तराधिकारी का नाम देने की गुजारिश की गई थी. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार को दिए अपने जवाब में जस्टिस संजीव खन्ना का नाम सुझाया था. इसके बाद राष्ट्रपति के महुर लगाने के बाद जस्टिस खन्ना का नाम तय किया गया. आइए जानते हैं कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना, जो आज ले रहे हैं मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की जगह.
कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना ?
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की. 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन कराया. यहीं से उनकी कानूनी सफर की शुरुआत हुई. जस्टिस संजीव खन्ना पहले दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे. फिर उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में प्रमोट किया गया !
जस्टिस खन्ना 14 साल तक दिल्ली हाईकोर्ट में जज रहे. 2005 में एडिशनल जज और 2006 में स्थायी जज बने. जस्टिस संजीव खन्ना 18 जनवरी 2019 को वो भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में प्रमोट किए गए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष पद का कार्यभार 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक संभाला. इस समय वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं.
जस्टिस संजीव खन्ना बिलकिस बानो केस में फैसला देने वाली बेंच में शामिल थे. उन्होंने अरविंद केजरीवाल को जमानत भी दी थी. उन्होंने केजरीवाल को एक बार अंतरिम बेल थी और बाद भी उन्हें नियमित बेल दी थी. VPAT का 100% वैरिफिकेशन, इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम, आर्टिकल 370 हटाने को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई करने वाली बेंच में जस्टिस संजीव शामिल रहे हैं.