अनुपूरक न्यूज़ एजेंसी, लखनऊ : जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने देर शाम यहाँ सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के मुख्यालय स्थित सभागार में प्रमुख सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग अनिल गर्ग, विभागाध्यक्ष अखिलेश सचान की उपस्थिति में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में जलशक्ति मंत्री द्वारा उपस्थित विभाग के समस्त मुख्य अभियन्ता स्तर-1 से उनके कार्यक्षेत्र में उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी।
जलशक्ति मंत्री ने मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिये गये कि वे अपने क्षेत्र के समस्त कार्यों आदि की जानकारी अपनी डायरी में रखें तथा अपने अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा किये जा रहे कार्यों की समय-समय पर समीक्षा करते रहें व जिन अधिकारियों द्वारा अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती जा रही है उनके विरूद्ध कार्यवाही भी प्रस्तावित करें।
स्वतंत्र देव सिंह ने बैठक में बाढ़ से सम्बन्धित उन अधीक्षण अभियन्ताओं / अधिशासी अभियन्ताओं की सूची तैयार करने के निर्देश प्रदान किये गये जिनका परिवार लखनऊ में रहता है एवं उन अधिकारियों की बाढ़ के समय उनके मुख्यालय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु समय-समय पर रात्रि के समय भी वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक करने हेतु निर्देशित किया गया। स्वतंत्र देव सिंह ने बैठक में उपस्थित मुख्यालय पर कार्यरत मुख्य अभियन्ताओं से भी वार्ता की व उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये गये।
स्वतंत्र देव सिंह ने बैठक में कड़े निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित जनपदों के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा स्थिति पर सतत निगरानी रखी जाए। नदियों के जलस्तर और तटबंधों की निरन्तर मॉनीटरिंग की जाए। बाढ़ चौकियों पर तैनात अधिकारी/कर्मचारी निरंतर स्थिति पर नज़र बनायें रखें। सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अनिवार्य रूप से अपने मुख्यालय पर ही रहें, कोई भी अधिकारी एवं कर्मचारी विभागाध्यक्ष की अनुमति के विना अपने मुख्यालय से बाहर नहीं जाएगा,ऐसा पाए जाने पर कड़ी करवाई की जाएगी।
स्वतंत्र देव सिंह ने निर्देश दिया कि बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील जनपदों के समस्त अधिकारी/कर्मचारी ज़िला प्रशासन से नियमित संपर्क बनाए रखें जिससे किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके, दायित्वों के निर्वहन में किसी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के ख़िलाफ़ करवाई की जाएगी। जलशक्ति मंत्री ने निर्देश दिया कि किसी भी स्थिति में विभागीय ज़मीन/नहरों पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए, यदि कहीं अतिक्रमण हो तो उसे अतिक्रमण मुक्त करायें,अतिक्रमण होने पर संबंधित अधीक्षण अभियन्ता/ आधिशासी अभियंता की ज़िम्मेदारी तय की जाएगी।
बैठक में उपस्थित प्रमुख सचिव, सिंचाई एवं जल ससाधन विभाग, उ०प्र० द्वारा भी उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि बाढ के समय किसी भी आकस्मिक आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में रिजर्व स्टॉक का प्रबन्ध समस्त तटबन्धों पर रखा जाये व ऐसे ठेकेदारों के नाम व मोबाइल नम्बर का विवरण भी रखा जाये जो आपातकालीन स्थिति में तत्काल लेबर व सामग्री की व्यवस्था कर सकें। बैठक के समापन पर प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष ने मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को बैठक में दिये गये निर्देशों का शत्-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।