सूर्योदय भारत समाचार सेवा, कन्याकुमारी : केरल में एक सत्र न्यायालय ने ग्रीष्मा नाम की 24 साल की एक लड़की को अपने प्रेमी को ज़हर देकर मारने के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई है.
महिला ग्रीष्मा पर आरोप था कि उसने साल 2022 में अपने प्रेमी शेरोन राज को ज़हर देकर मार डाला था, अदालत ने डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर उसे दोषी क़रार दिया और मौत की सज़ा सुनाई है.
सरकारी वकील के मुताबिक़, “इस मामले में फ़िज़िकल एविडेंस (भौतिक साक्ष्य) की कमी के बावजूद भी अपराध को साबित करने के लिए परिस्थितिजन्य साक्ष्य और डिजिटल साक्ष्य का इस्तेमाल किया गया. इसी आधार पर अदालत ने कड़ी सज़ा सुनाई है.”
ग्रीष्मा कन्याकुमारी ज़िले के देवीकोड की रहने वाली हैं. उनके पास अंग्रेजी साहित्य में डिग्री है, जबकि शेरोन राज पारसलाई इलाक़े में रहता था.
सरकारी अभियोजकों के मुताबिक़ घटना के वक़्त शेरोन कन्याकुमारी के एक कॉलेज में बैचलर ऑफ रेडियोलॉजी के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था.
अभियोजकों के मुताबिक ग्रीष्मा और शेरोन राज एक-दूसरे से प्यार करते थे. इस बीच, ग्रीष्मा के माता-पिता ने उसकी शादी किसी और लड़के से कराने का फ़ैसला कर लिया.
उनके मुताबिक ग्रीष्मा की सगाई भारतीय सेना में काम करने वाले एक लड़के से कराई गई और ग्रीष्मा ने शेरोन से सारे पुराने संबंध तोड़ने के लिए कहा. हालांकि शेरोन इससे बहुत दुखी हुआ और उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया, शेरोन की सबसे बड़ी शिकायत ग्रीष्मा से थी, जो उस लड़के से शादी करने के लिए तैयार हो गई थी, जिसे उसके माता-पिता ने उसके लिए तय किया था.
उनके मुताबिक शेरोन इस मुद्दे पर ग्रीष्मा की कोई बात सुनने को तैयार नहीं था. ग्रीष्मा को इस बात का डर था कि शेरोन भविष्य में उसकी शादी को बर्बाद कर सकता है और उसने शेरोन को मारने की योजना बनाई, इसी मक़सद से ग्रीष्मा ने शेरोन को अपने घर बुलाया और उसके खाने में ज़हर मिला दिया, जिससे शेरोन की मौत हो गई.
शेरोन की मौत के मामले में केरल पुलिस ने एक विशेष जांच दल यानी एसआई टी भी बनाई थी.
इस एसआईटी के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) राशीद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ”शुरुआत में पारसालई पुलिस ने एफआईआर को अप्राकृतिक मौत के रूप में दर्ज किया और उस दिशा में मामले की जांच शुरू की.”
लेकिन, शेरोन के रिश्तेदारों को उसकी मौत का संदेह ग्रीष्मा पर था.
डीएसपी ने राशीद ने बताया, “उसके बाद मामला बाद केरल पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दिया गया और इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया.”
डीएसपी राशीद के मुताबिक़ पूछताछ के दौरान ग्रीष्मा ने सब सच बता दिया, पुलिस जांच के दौरान वह मामले को छिपा नहीं सकी, डीएसपी राशीद के मुताबिक़ पुलिस हिरासत में रहते हुए ग्रीष्मा ने शौचालय की सफाई के लिए रखे हुए कीटाणुनाशक को पीकर आत्महत्या करने की भी कोशिश की थी.
इस मामले में ग्रीष्मा की मां और मामा से पूछताछ की गई तो शेरोन को जहर दिए जाने का संदेह पुख़्ता हो गया.
इस मामले में मीडिया ने सरकारी वकील वीएस विनीत कुमार से बात की.
उन्होंने कहा, “हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती किसी भी प्रत्यक्ष सबूत का अभाव था. इसलिए हमने डिजिटल, तकनीकी और वैज्ञानिक सबूतों की मदद से परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को जोड़कर अदालत में मामले को साबित किया.”
“इससे पहले एक बार ग्रीष्मा ने जूस में पैरासिटामोल की 50 गोलियां मिलाकर शेरोन को पीने के लिए दी थी, लेकिन जूस कड़वा होने के कारण शेरोन ने उसे नहीं पिया, इसलिए वह उस दिन बच गया.”
हत्या की इस कोशिश से पहले ग्रीष्मा ने अपने मोबाइल फोन पर इस बारे में जानकारी खोजी थी. विनीत कुमार ने कहा, ”पुलिस जांच में यह काफ़ी अहम साबित हुआ.”
जांच में सामने आया कि ग्रीष्मा ने एक और योजना बनाकर शेरोन को घर बुलाया. घर पर उसने शेरोन को एक आयुर्वेदिक टॉनिक पीने को दिया. ग्रीष्मा ने इसमें ज़हर घोल दिया था.
पुलिस के मुताबिक इस टॉनिक को पीने के बाद ही शेरोन को तकलीफ होने लगी. उन्हें उल्टियां और दस्त होने लगे. उन्हें इलाज के लिए तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.
उनकी हालत खराब हो गई. एक-एक कर उनके शरीर के अंग काम करना बंद कर रहे थे. आख़िरकार 25 अक्तूबर 2022 को उनकी मृत्यु हो गई.
पुलिस ने ग्रीष्मा का मोबाइल फोन चेक किया, लेकिन उन्हें पता चला कि सारा डेटा डिलीट हो चुका है.
विनीत कुमार ने कहा, “इस डर से कि पुलिस शेरोन की मौत के बारे में पूछताछ करने आएगी, ग्रीष्मा ने अपने मोबाइल फोन से सारा डेटा डिलीट कर दिया. उसने सर्च इंजन पर यह भी खोज की कि क्या डिलीट किए गए डेटा को मोबाइल फोन से फिर से हासिल किया जा सकता है.”
पुलिस ने उसके मोबाइल फोन को फॉरेंसिक लैब में भेजा और गूगल क्लाउड डेटा में दर्ज सभी जानकारी फिर से हासिल कर ली.
ग्रीष्मा के मोबाइल से व्हाट्सएप चैट, वीडियो कॉल, सर्च इंजन डेटा वगैरह को जब्त कर लिया गया और अदालत में डिजिटल सबूत के तौर पर पेश किया गया.
विनीत कुमार ने बताया, “इलाक़े के सीसीटीवी फुटेज और दोनों के बीच व्हाट्सएप पर हुई बातचीत को सबूत के तौर पर लिया गया कि शेरोन घटना के दिन ग्रीष्मा के घर गया था.
“साथ ही, दोनों के इस्तेमाल किए गए पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और सीडी में मौजूद डिजिटल साक्ष्य और अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के माध्यम से हमने अदालत में यह साबित कर दिया कि ग्रीष्मा ने शेरोन की हत्या की थी.”
विनीत कुमार ने कहा, “जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि शेरोन को ग्रीष्मा ने ज़हर दिया था, लेकिन पोस्टमार्टम में मृतक को ज़हर देने का कोई सबूत नहीं मिला.”
“इलाज के लिए भर्ती होने के 11 दिन बाद शेरोन की मृत्यु हो गई. इलाज के दौरान उनका तीन बार डायलिसिस किया गया. इससे उनका खून पूरी तरह से शुद्ध हो गया और उनके शरीर में कोई विषैला पदार्थ मौजूद नहीं रहा.”
उन्होंने कहा, हमने अदालत में परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के साथ ये सारी बातें बताईं.
20 जनवरी, 2025 के एक फैसले में नोय्याटिंकरई के अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एएम बशीर ने ग्रीष्मा को मौत की सज़ा सुनाई और उसके मामा निर्मल कुमारन नायर को तीन साल की सज़ा दी गई.
अपने फ़ैसले में जज ने पुलिस जांच की सराहना भी की.
जज ने अपने फैसले में कहा, ”इस मामले में पीड़ित शेरोन राज और हत्या करने वाली ग्रीष्मा एक ही उम्र के थे. शेरोन ग्रीष्मा से बहुत प्यार करता था. वह उस पर आंख मूंदकर भरोसा करता था. लेकिन, ग्रीष्मा ने उसे धोखा दिया.”
अभियोजन पक्ष के वकील विनीत कुमार के मुताबिक “जब शेरोन अपनी मृत्यु शय्या पर था, तो उसने मैजिस्ट्रेट के सामने गवाही दी कि उसे ग्रीष्मा से कोई शिकायत नहीं है. वह नहीं चाहता था कि ग्रीष्मा को सज़ा मिले. यह बहुत जघन्य अपराध है. एक निर्दोष युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई है.”
“जहर के कारण शेरोन के गुर्दे, लिवर और फेफड़े सहित सभी आंतरिक अंग खराब हो गए थे. उसके पूरे शरीर में असहनीय दर्द था. अस्पताल में 11 दिनों के दौरान वह पानी की एक बूंद भी नहीं पी सका.”
न्यायमूर्ति बशीर ने कहा, “एक कॉलेज छात्र के पवित्र और निस्वार्थ प्रेम की हत्या कर दी गई. इस तरह की बात ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इस मामले को दुर्लभतम मानते हुए ग्रीष्मा को मौत की सज़ा सुनाई गई.”
मृतक शेरोन के भाई डॉक्टर शिमोन राज ने मीडिया बात करते हुए ने कहा, “हम चाहते थे कि दोषी को फांसी दी जाए. मुक़दमे का नतीजा हमारी उम्मीदों के मुताबिक़ रहा. हम इससे खुश हैं. फैसला सुनने के बाद मां को राहत मिली है.”
उन्होंने कहा, “हम यह कभी नहीं भूलेंगे कि मेरा भाई अब हमारे साथ नहीं है. लेकिन यह बड़ी राहत है कि दोषी को मौत की सज़ा दी गई है.”