
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को यथाशीघ्र मदवार आवंटित कराया जाए। साथ ही माह नवंबर, 2025 तक प्रत्येक दशा में 60 प्रतिशत बजट सदुपयोग करने का लक्ष्य निर्धारित किया जाए और माहवार बजट व्यय की समीक्षा की जाए। सिंह ने यह भी सख्त निर्देश दिए कि चालू वित्तीय वर्ष हेतु सभी मदों में आवंटित धनराशि का 31 मार्च तक शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित करें। किसी भी दशा में बजट का सरेन्डर न किया जाए। आवंटित बजट का एक रुपया भी लैप्स न होने पाए।

पशुधन मंत्री गुरुवार यहां विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग की वित्तीय प्रगति तथा विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा करें। कार्य समाप्ति हो जाने के बाद संबंधित योजना का उपयोगिता प्रमाण पत्र यथाशीघ्र प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष की भांति ही इस वर्ष भी सभी योजनाओं हेतु पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है। सिंह ने पहली बार पशुपालकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 07 करोड़ रूपये की व्यवस्था किए जाने हेतु मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।
सिंह ने कहा कि दुग्ध समितियों के गठन एवं क्रियान्वयन से ही दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा। छोटे किसानों को समृद्ध बनाने के लिए डेयरी महत्वपूर्ण विकल्प है। वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य को हासिल करने में पशुधन एवं दुग्ध विकास की अहम भूमिका है। इसलिए योजनाओं की नियमित निगरानी की जाए, समय पर धनराशि आवंटित की जाए और उसका सदुपयोग सुनिश्चित की जाए।
पशुधन मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के तहत गौ संरक्षण केंद्रों एवं अन्य निर्माण कार्यों को माह दिसंबर, 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा जाए और कार्यदायी संस्थाओं द्वारा गुणवत्तायुक्त और समयबद्ध रूप से कार्य पूर्ण कराने हेतु कड़ी मॉनिटरिंग की जाए। गौशालाओं में गायों की देखरेख में कोई कमी न होने पाए और उनके चारा, भूसा, प्रकाश, पेयजल, चिकित्सा एवं औषधि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। नस्ल सुधार, निराश्रित गोवंश को गो आश्रय स्थल पर पहुंचाने, संक्रामक रोगों से बचाव आदि कार्य तीव्र गति से किया जाए।
पशुधन मंत्री ने बेसहारा/निराश्रित गोवंश संरक्षण की अद्यतन स्थिति, वृहद गो संरक्षण केन्द्रों के निर्माण, साइलेज टेन्डर, वृहद गो संरक्षण केन्द्र एवं संवर्धन कोष, कुक्कुट पालन, बकरी पालन, कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, दुग्ध समितियों के गठन, डेयरी प्लाण्ट की उपयोगिता क्षमता, दुग्ध उपार्जन, बकाया दुग्ध मूल्य भुगतान तथा नन्दबाबा दुग्ध मिशन के कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा करते हुए उक्त योजनाओं के अंतर्गत अनुमोदित कार्ययोजना के सापेक्ष प्राप्त आगणनों एवं स्वीकृति की स्थिति की जानकारी प्राप्त की।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, दुग्ध विकास विभाग के विशेष सचिव राम सहाय यादव, पशुपालन विभाग के निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डा0 जयकेश पाण्डेय, निदेशक (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र) डा0 योगेन्द्र सिंह पवार, संयुक्त निदेशक डा0 पी0के0 सिंह तथा डा0 राम सागर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।