सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली / बेंगलुरु. कर्नाटक में सरकार गठन से पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में माथापच्ची जारी है. सिद्धारमैया बनाम डीके शिवकुमार की जंग में कांग्रेस की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री पद के अहम दावेदार और राज्य की पार्टी ईकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम पद मंजूर नहीं है. सूत्रों ने बताया कि शिवकुमार को डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं है. इसके साथ ही सीएम पद को लेकर उन्होंने आखिरी फैसला यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के ऊपर छोड़ दिया है. बता दें कि सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों फिलहाल कांग्रेस आलाकमान से मिलने के लिए दिल्ली में हैं. शिवकुमार आज सुबह ही दिल्ली पहुँचे हैं !
इससे पहले, कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार मंगलवार को दिल्ली पहुंच गए जहां वह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा कर रहे हैं . कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों को चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया है. शिवकुमार ने सोमवार शाम को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजधानी के अपने दौरे को रद्द कर दिया था.
मंगलवार को दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले शिवकुमार ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस महासचिव ने मुझे अकेले आने का निर्देश दिया है, मैं अकेले दिल्ली जा रहा हूं.’ सिद्धारमैया सोमवार से दिल्ली में हैं. शिवकुमार ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी मेरा मंदिर है, कांग्रेस पार्टी हमारी सबसे बड़ी ताकत है इसलिए किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है.’
यह पूछने पर कि क्या वह आलाकमान को उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए कहेंगे, इस पर शिवकुमार ने कहा, ‘मैंने अपना काम किया है… कांग्रेस पार्टी हमारी मां, मंदिर, सब कुछ है. महासचिव ने कहा है – डीके आप अकेले आएं. मैं अकेले जा रहा हूं.’ मुख्यमंत्री पद के चुनाव के लिए नव निर्वाचित विधायकों से बातचीत करने वाले कांग्रेस के तीन केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इसकी जानकारी दी और सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी.
कांग्रेस विधायक दल ने रविवार को बेंगलुरु में एक होटल में हुई बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को विधायक दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत किया था. राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 136 सीट अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीटें जीतीं हैं !