नोम पेन्ह : कंबोडिया के राजा ने देश के प्रधानमंत्री हुन सेन के बेटे एवं सेना प्रमुख हुन मानेत को सोमवार को औपचारिक रूप से उनका उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया। लंबे समय से प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हुन सेन की पार्टी ने पिछले महीने एकतरफा चुनाव में जीत हासिल की थी। हुन मानेत को अगला प्रधानमंत्री नियुक्त करने के शाही आदेश पर राजा नोरोडोम सिहामोनी ने हस्ताक्षर कर दिए और इसे सरकार के सोशल मीडिया खाते पर साझा किया गया। इस आदेश के अनुसार, 45 वर्षीय हुन मानेत आधिकारिक तौर पर भावी प्रधानमंत्री हैं और वह 22 अगस्त को पदभार ग्रहण करेंगे।
हुन मानेत ने उन पर भरोसा करने के लिए राजा को धन्यवाद दिया। उन्होंने ‘टेलीग्राम’ पर लिखा कि देश और उसके लोगों की सेवा करना उनके लिए जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। उन्होंने कहा कि वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाने और देशवासियों के जीवन स्तर को सुधारने का वादा किया। इस आदेश से कुछ दिन पहले, कंबोडिया के निर्वाचन आयोग ने 23 जुलाई को हुए आम चुनाव के परिणामों की शनिवार को घोषणा की, जिसमें प्रधानमंत्री हुन सेन की सत्तारूढ़ पार्टी को भारी बहुमत के साथ विजयी घोषित किया गया। इन चुनावों की पश्चिमी देशों की सरकारों और अधिकार समूहों ने कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि ये चुनाव न तो निष्पक्ष थे और न ही स्वतंत्र, क्योंकि अहम विश्वसनीय विपक्षी दलों को इसमें भाग नहीं लेने दिया गया।
हुन सेन पिछले 38 वर्ष से देश की कमान संभाल रहे हैं और उन्होंने चुनाव से पहले ही घोषणा की थी कि वे इस बार अपने बड़े बटे हुन मानेत को कमान सौंप देंगे। हुन मानेत ने जुलाई में हुए चुनाव में पहली बार संसदीय सीट पर जीत हासिल की। हुन मानेत (40) ने वेस्ट प्वाइंट स्थित ‘यूएस मिलिट्री अकेडमी’ से स्नातक, न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और ब्रिटेन की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। शाही आदेश की घोषणा के बाद हुन सेन ने ‘टेलीग्राम’ और ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) सोशल मीडिया मंच पर बताया कि वह ‘‘अपने उत्तराधिकारी को नेतृत्व का मौका’’ देने के लिए पद छोड़ रहे हैं। हुन सेन (71) ने बताया कि उन्होंने 32 साल की आयु में कार्यभार संभाला था और वह उस समय दुनिया के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद कम से कम 2033 तक अन्य पदों पर सेवाएं देते रहेंगे, यानी उनकी करीब आधी सदी तक सरकार में कार्य करने की योजना है।