सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली / लखनऊ : गुरुवार 01 फरवरी को संसद में वित्तमंत्री, भारत सरकार सुश्री निर्मला सीतारमण ने देश का अन्तरिम बजट प्रस्तुत किया। बजट में रेल सम्बन्धी तीन कॉरीडोर बनाये जाने का प्रावधान किया गया है, जिसमें ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट कॉरीडोर, पोर्ट कनेक्टविटी कॉरीडोर तथा अधिक यातायात घनत्व के कॉरीडोर का कार्य सम्मिलित है। इससे लाजिस्टिक सुधार के साथ ही लागत में कमी आयेगी तथा आर्थिक विकास को गति मिलेगी। बजट से रेल संरक्षा बढ़ेगी। चालीस हजार कोचों को वंदेभारत के कोच की तर्ज पर विकसित किये जायेंगे।
रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार अष्विनी वैष्णव ने गुरुवार को रेलभवन, नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अंतरिम बजट 2024-25 में रेलवे को प्राप्त बजट एवं रेलव परियोजनाओं के बारे मे विस्तार से बताया। उन्होनें रेलवे के विकास हेतु रिकार्ड धनराशि आवंटित करने हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि बजट 2024-25 में रेलवे को रूपया दो लाख बावन हजार करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें से उत्तर प्रदेश को रू. 19,575/-करोड़ का बजट मिला है, जो वर्ष 2009-14 के दौरान प्राप्त औसत बजट से 17 गुणा ज्यादा है।
रेलमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में 1978 किमी. रेलवे ट्रैक का निर्माण प्रति वर्ष किया जा रहा है, जो पहले (वर्ष 2009-14) 150-160 किमी. हुआ करता था। उत्तर प्रदेश के सभी बड़ी लाइन रेल खण्डों का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण किया जा चुका है।
वैष्णव ने कहा कि वर्तमान समय में उत्तर प्रदेष में रू. 98,015 करोड़ का निवेश भारतीय रेलवे द्वारा किया गया है। उत्तर प्रदेश के 157 स्टेशनों का अमृत स्टेषन के अंतर्गत विकास किया जा रहा है। उन्होनें बताया कि पिछले 10 वर्षो में उत्तर प्रदेष में 1377 सड़क उपरिगामी पुल/सड़क अधोगामी पुल का निर्माण किया गया है।
उत्तर प्रदेश के 143 स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद के अंतर्गत स्टॉल खोले गये है, जो स्थानीय उत्पादों को एक व्यापक बाजार उपलब्ध करा रहा है तथा लोगों के आय में वृद्धि हो रही है। वैष्णव ने कहा कि स्टेशनों के विकास का कार्य काफी तीव्र गति स किये जा रहे है। रेल मंत्री ने इसके अतिरिक्त अन्य राज्यों में रेलवे के विकास हेतु आवंटित बजट का विवरण प्रस्तुत किया।
उन्होनें कहा कि अमृत चतुर्भुज के अंतर्गत तीन नये कोरिडोर बनाये जायेंगे, जो चार एवं छः लाइन के होगें। यह कोरिडोर लगभग 40,900 किमी का होगा। इसके बन जाने से रेलवे ट्रैक की क्षमता बढ़ेगी तथा अधिक से अधिक ट्रेनों का संचलन किया जा सकेगा, जो जन-जन के लिए लाभकारी होगा। एक प्रश्न के जबाब में रेलमंत्री वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेल संरक्षा पर एक लाख आठ हजार करोड़ का निवेश कर रही है। संरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु वर्ष 2016 मे ंप्रारम्भ कवच प्रणाली, पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।
उन्होनें बताया कि पिछले वर्ष 5200 किमी. नया ट्रैक बिछाया गया तथा इस वर्ष साढ़े 5500 किमी. नया ट्रैक बिछाने का लक्ष्य रखा गया है। अयोध्या क्षेत्र के पॉच स्टेषशनों का विकास किया जा रहा है।
अयोध्या आने वाली सभी रेल खण्डों का दोहरीकरण करने हेतु कार्य किया जा रहा है, जिसमें मनकापुर-अयोध्या धाम खण्ड का भी डी.पी.आर. तैयार कर लिया गया है।