
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, बरेली / लखनऊ : जनपद बरेली में एडुएआई सम्मेलन 2025 के उद्घाटन के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि फ्यूचर विश्वविद्यालय, बरेली भारत में तकनीकी शिक्षा की नई पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा कि एआई समर्थित शिक्षा प्रणाली युवाओं के लिए संस्कार, रोजगार और तकनीक का संगम लेकर आई है। उन्होंने विश्वविद्यालय की इस पहल की सराहना करते हुए इसे विकसित भारत के भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण बताया।
एडुएआई सम्मेलन 2025 का उद्घाटन कुलाधिपति मुकेश गुप्ता और उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने संयुक्त रूप से किया। मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत फ्यूचर विश्वविद्यालय द्वारा उठाए गए कदम युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाएंगे। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय विकसित भारत की सोच को आगे बढ़ा रहा है।
सम्मेलन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उच्च शिक्षा के आपसी संबंधों को नए सिरे से परिभाषित किया गया। आईबीएम, ज़ेबिया और ईसी काउंसिल के विशेषज्ञों मनीष शर्मा, क्षितिज सिंह और हर्ष श्रीवास्तव ने छात्रों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर के अवसरों पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन संस्थानों के साथ विश्वविद्यालय के अनुबंध से छात्रों को रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे।
सम्मेलन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित पाठ्यक्रम, आधुनिक प्रयोगशालाओं, संवादात्मक शिक्षण मंचों और स्मार्ट परिसर समाधानों का प्रदर्शन किया गया। प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ. पंकज मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम छात्रों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया जाता है। वहीं, समूह निदेशक प्रोफेसर डॉ. हेमंत यादव ने उद्योग साझेदारियों को शिक्षा से जोड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस सम्मेलन में बरेली चैंबर, रोटरी क्लब, प्रबुद्धजन, शिक्षाविद, और विश्वविद्यालय के शिक्षकगण भी उपस्थित रहे। सम्मेलन ने यह साबित किया कि फ्यूचर विश्वविद्यालय शिक्षा में तकनीकी और नवाचार के क्षेत्र में एक नई दिशा स्थापित कर रहा है।
इस अवसर पर छत्रपाल सिंह, प्रोफेसर श्याम बिहारी, एम. पी. आर्य, डॉ. डी. सी. वर्मा, वीर विक्रम सिंह, रश्मि पटेल, जयपाल सिंह, कुंवर महाराज सिंह और सलोना रामसिंह कुशवाह जैसे विशिष्ट अतिथि भी मौजूद रहे।