अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा दलित अभियंताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रबंधन द्वारा उनके साथ गलत तरीके का व्यवहार किया जा रहा है। प्रमोशन के साथ ही तबादले में भी दलित अभियंताओं के साथ जमकर खेल किया जा रहा है। यह आरोप उ.प्र. पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने लगाए हैं। बता दें कि प्रदेश के सभी दलित और पिछड़े वर्ग के अभियंता इस संगठन के जुड़े हुए हैं और वे इसी संगठन के माध्यम से अपनी बातों को उठाते हैं।
मंगलवार को फील्ड हास्टल में एसोसिएशन की हुई कार्यसमिति के बैठक में सभी बिजली कम्पनियों में दलित और पिछड़े वर्ग के अभियंताओं के शोषण की बात उठी। इस दौरान एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि 1992 बैच के बहुत से अधिशासी अभियंताओं का अधीक्षण अभियंता के पद पर प्रमोशन हो चुका है। इसके बाद भी उनके प्रमोशन को रोकने की कोशिश प्रबंधन के कुछ उच्चाधिकारियों द्वारा की जा रही है।
एसोसिएशन की ओर से उदाहरण लाल सिंह और राकेश का देते हुए कहा गया कि इन अभियंताओं को प्रमोशन के बाद पूर्वांचल और दक्षिणांचल भेज दिया गया। ऐसे बहुत से दलित अभियंता हैं जिन्हे प्रमोशन के बाद सिर्फ पूर्वांचल और दक्षिणांचल भेजा जा रहा है। इन अभियंताओं के तबादलों में ट्रांसफर नीति की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
एसोसिशन की ओर से कहा गया कि जिन अभियंताओं का अभी कुछ समय पहले ही पश्चिमांचल में तैनाती हुई है, उन्हें प्रमोशन के बाद सिर्फ इन्हीं दो कंपनियों में भेजा रहा है। प्रबंधन के इस गलत रवैये, व्यवहार से दलित अभियंताओं में नाराजगी है। उन्होंने चेताया कि यदि इसी तरह से हमारे साथ होता रहा तो हम आंदोलन करने के साथ ही ऊर्जामंत्री से शिकायत करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, अतरिक्त महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, मध्यांचल उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह, संगठन सचिव अजय कुमार ने कहा कि बहुत जल्द ही सभी मामलों को लेकर एसोसिएशन ऊर्जा मंत्री से मुलाकात कर उनसे हस्तक्षेप की मांग करेगा।
बार-बार प्रबंधन को एसोसिएशन अवगत करा रहा है, फिर भी प्रबंधन दलित अभियंताओं के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रहा है। प्रबंधन को दलित वर्ग के अभियंताओं का संरक्षण नियमों की परिधि में समानता के आधार पर करना होगा।
बैठक में प्रमुख रूप से बालक राम, एचपी कौशल, रामशब्द, अशोक सुंदरम, श्याम सुन्दर आर्य, हरीश चंद्र वर्मा, ज्ञान प्रकाश, प्रेम चंद्र, अजय कनौजिया, रणजीत कनैजिया अश्वनी, अनिल कुमार, जयप्रकश, बाबूलाल गौतम रहे।