अशाेक यादव, लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की पत्नी रामलली की सशर्त अंतरिम अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है जबकि इनके बेटे बिष्णु मिश्र को अग्रिम जमानत देने से इंकार करते हुए अर्जी खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने सह अभियुक्तों की अर्जियों की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
रामलली को न्यायालय ने डेढ़ लाख रूपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है और कहा कि वह 7 अक्तूबर से एक हफ्ते तक रोज 11 बजे विवेचनाधिकारी के समक्ष हाजिर होंगी और विवेचना में सहयोग करेंगी।
इसके बाद भी बुलाये जाने पर विवेचनाधिकारी के समक्ष पूछताछ के लिए हाजिर होंगी।
बिना न्यायालय की अनुमति विदेश नहीं जायेंगी।
यदि पासपोर्ट हो तो उसे संबंधित एसएसपी/एसपी के समक्ष जमा कर देंगी।
वह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पीड़ित पक्ष को धमकी या प्रलोभन नहीं देंगी।
न्यायालय ने कहा है कि शर्त उल्लंघन की दशा में अंतरिम अग्रिम जमानत के विरुद्ध अर्जी दी जा सकती है।
अर्जी पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जानकारी मांगी है और अर्जी को सुनवाई के लिए चार हफ्ते बाद पेश करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने सह अभियुक्त बिष्णु मिश्र को यह कहते हुए अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है कि वह विवेचना में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।
इसके खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी खारिज कर दी गयी है।
सारा व्यवसाय याची देख रहा है।
एफआईआर दर्ज होने के बाद बैंक से पैसे निकाले हैं।
पीड़ित पक्ष ने धमकी देने की शिकायत भी की है।
ऐसे मे अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।
इनके खिलाफ संत रविदास नगर भदोही के गोपीगंज थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है।
गिरफ्तारी से बचने के लिए इन्होंने उच्च न्यायालय की शरण ली थी।