ब्रेकिंग:

मुख्तार के करीबी कोयला माफिया उमेश सिंह की 6.5 करोड़ की संपत्ति पुलिस ने जप्त किया

पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य व उमेश सिंह के शापिंग मॉल को सीज करती पुलिस टीम

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ हो रही कार्यवाही के तहत बहुजन समाज पार्टी के विधायक माफिया अंसारी के करीबियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़ में भी बड़े पैमाने पर मुख्तार के परिवार के सदस्यों और करीबियों की संपत्ति जब्त की गई है। काफी लोगों के असलहे भी जमा करा लिये गए हैं।इसी क्रम में सोमवार को मुख्तार अंसारी गिरोह आईएस 191 के अत्यंत नजदीकी व मन्ना सिंह हत्याकांड में मुख्तार के साथ सह-अभियुक्त रहे कोयला माफिया उमेश सिंह की 6.5 करोड़ की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत पुलिस द्वारा जप्त कर ली गयी। सोमवार को पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के निर्देश पर कार्रवाई के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट जे एन सचान, क्षेत्राधिकारी नगर नरेश कुमार भारी संख्या में पुलिस बल के साथ भीटी चौराहे पर स्थित शॉपिंग मॉल पर पहुंचे। अधिकारियों ने पहले ढोल नगाड़ों के साथ जप्ती का एलान किया। उसके बाद लाउडस्पीकर से सभी दुकानदारों और ग्राहकों को मॉल खाली करने को कहा। मॉल खाली करने का ऐलान होते ही हड़कंप मच गया। ग्राहक तो तुंरत बाहर आ गए लेकिन दुकानदारों की दिक्कत बढ़ गई। दोपहर दो बजे तक दुकानदार मॉल खाली करने की कोशिश में जुटे रहे।उमेश सिंह के द्वारा अपराध से अवैध रूप से अर्जित किए गए धन से लगभग 3400 वर्ग मीटर भूखंड पर निर्मित शॉपिंग मॉल/कंपलेक्स जिसकी वर्तमान कीमत लगभग 5.5 करोड़ व साथ ही साथ लगभग एक करोड़ मूल्य  के 08 वाहनों को गैंगस्टर एक्ट में थाना कोतवाली के तहत जब्त कराई गई। आरोप है कि उमेश सिंह त्रिदेव कंस्ट्रक्शन कंपनी, त्रिदेव कोल डिपो व त्रिदेव ग्रुप का संचालन अपने भाई राजन सिंह उर्फ राजेश सिंह के साथ मिलकर करता रहा है। इसके द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह की आर्थिक रूप से मदद पिछले दो दशकों से की जाती रही है। 2009 में ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड में उमेश सिंह मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त था। मन्ना सिंह हत्याकांड में गवाह राम सिंह मौर्य व उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी आरक्षी सतीश की सन 2010 में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी। जिस के संबंध में थाना दक्षिण टोला में FIR नम्बर 399/2010 दर्ज किया गया था। इस अभियोग में उमेश सिंह का भाई राजन सिंह मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त था। इस हत्याकांड के संबंध में थाना दक्षिणटोला में FIR नम्बर 891/2010 धारा 3(1) गैंगस्टर एक्ट का अभियोग विरुद्ध मुख्तार अंसारी, राजन सिंह व अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध 2010 में दर्ज किया गया।  इसके अलावा भी उमेश सिंह व राजन सिंह के विरुद्ध आधा दर्जन मुकदमे पंजीकृत है। पिछले दो दशकों के दौरान उमेश सिंह व राजन सिंह के द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह के मुख्य शरणदाता व आर्थिक मददगार के रूप में अतिसक्रिय व अग्रणी भूमिका रही है। माफिया से सम्बन्धों का फायदा उठाकर इंदारा कोपागंज में कोल डिपो स्थापित कर मोनोपोली बनाते हुए कोयला माफिया के रूप में इन दोनों के द्वारा अर्जित धन से मुख्तार अंसारी गिरोह की फंडिंग लंबे समय से की जाने की भी बात प्रकाश में आई है। इनके द्वारा माफिया व माफिया  गिरोह से संबंध का इस्तेमाल करते हुए कोयले के व्यापार में अपनी मोनोपोली स्थापित करते हुए जनपद के अन्य व्यापारियों में भय व आतंक का माहौल पैदा किया गया। जिससे अन्य कोई व्यक्ति कोयला व्यापार में नहीं आया। इस प्रकार गैंग के रूप में कार्य करते हुए जघन्य अपराधों के माध्यम से अवैध धन का इस्तेमाल अपराधियों को संरक्षण देने के साथ साथ अपने बिजनेस में लगा कर त्रिदेव के नाम से अलग-अलग कंपनियां खोलकर किया गया। इनके द्वारा माफिया से संबंध का लाभ उठाते हुए अपराध कारित करते हुए अर्जित की गई संपत्ति की जांच विभिन्न विभागों व एजेंसियों के माध्यम से भी कराई जा रही है। बता दें कि दो दिन पहले मुख्तार अंसारी के साथ विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में आरोपी एक लाख के इनामी बदमाश हनुमान पांडेय को लखनऊ पुलिस ने एक काउंटर में मार गिराया है।

Loading...

Check Also

भाजपा पीडीए का वोट कटवा कर चुनाव जीतना चाहती है: अखिलेश यादव

अनुपूरक न्यूज़ एजेंसी,  लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com