अशाेेेक यादव, लखनऊ। यूपी में ब्राह्मणों पर सियास के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भगवान परशुराम की जयंती पर होने वाले अवकाश को बहाल करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा है कि भगवान परशुराम विष्णु भगवान के छठे अवतार हैं। जिस कारण वह ब्राह्मण समाज की आस्था का प्रतीक हैं। परशुराम जी जन्म बैसाख माह की तृतीया तिथि के दिन हुआ था। भगवान शिव के परम भक्त परशुराम में ब्राह्मण समाज के साथ अन्य लोगों की भी आस्था है।
अब तक भगवान परशुराम की जयंती पर प्रति वर्ष राजकीय अवकाश होता रहा है परन्तु वर्तमान में आपकी सरकार ने इसे निरस्त कर दिया है जिससे ब्राह्मण समाज में आक्रोश है। उन्होंने मुख्यमंत्री से ब्राह्मण समाज की भावनाओं को देखते हुए अवकाश पुन: बहाल करने की मांग की है।
आपको बता दें कि यूपी में ब्राह्मण वोट बैंक की राजनीति तेज है। इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सत्ता में आने पर समाजवादी पार्टी से भी अधिक परशुराम की भव्य प्रतिमा लगाने की बात कहकर राजनीतिक पारे को और बढ़ा दिया है। मायावती ने कहा था यूपी में सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज के आस्था व स्वाभिमान के प्रतीक ‘श्री परशुराम’ की भव्य प्रतिमा लगाकर ब्राह्मण समाज को सम्मान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अब ब्राह्मण समाज के वोटों की खातिर अपने राजनीतिक स्वार्थ में ‘श्री परशुराम’ की ऊंची प्रतिमा लगाने की बात कर रही है। उसे अपने शासनाकाल में ऐसा करना चाहिए था, लेकिन नहीं किया।
सपा चुनाव नजदीक देखकर ऐसी बात कर रही है, इससे साफ है कि सपा की स्थिति प्रदेश में बहुत ज्यादा खराब हो रही है। ऐसे में ब्राह्मण समाज सपा के साथ कतई जाने वाला नही है। वैसे भी सपा सरकार में ब्राह्मणों का उत्पीड़न और शोषण सबसे अधिक हुआ है। ब्राह्मण समाज को बसपा पर पूरा भरोसा है।