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पॉर्न साइट के बारे में हमें अपने बच्चों से कैसे बात करनी चाहिए?

ये हरेक पेरेंट्स के लिए एक भयानक सपने की तरह ही होता है, जब वो अपने बच्चों की इंटरनेट हिस्ट्री को खंगालें और उसे एक्स-रेटेड पॉर्न साइट से भरा हुआ पाएं। टीनेज में उत्सुकता आपके बच्चों को सिर्फ एक क्लिक पर पॉर्न साइट पर पहुंचा देगा।

हाल के रिसर्च डराने वाले फैक्ट सामने ला रहे हैं। 10 साल की उम्र में ही अब बच्चे पॉर्न के बारे में जान लेते हैं। तो इन चार अक्षरों के शब्द PORN के बारे में आप अपने बच्चों से कैसे बात करेंगे? आप इसका सामना कैसे करेंगे और बिना शर्म के बात कैसे करेंगे?

अपने बच्चों को बताएं कि सेक्स में इंट्रेस्ट होना एक नॅार्मल चीज है। साथ ही बढ़ती उम्र के साथ एक जरूरी हिस्सा भी। भले ही आप अंदर से कितना भी डांटना-चीखना चाह रहे हों या आपका मन कर रहा हो कि आप बच्चे के इंटरनेट एक्सेस को ही ब्लाॅक कर दें, लेकिन किसी भी जजमेंट को दूर ही रखें।

बच्चों पर गुस्सा जाहिर न होने दें। उन्हें शर्मिंदा महसूस न करने दें, क्योंकि ये शर्मिंदगी उनके भविष्य में बनने वाले रिश्ते तक पर असर डाल सकती है।

दरअसल, बच्चे मां-बाप से इस बारे में बात करने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं और इस पर बात करने से कतराते हैं। पेरेंट्स भी इस टाॅपिक पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक नहीं होते।

ये जरूरी है कि आप बच्चों को बताएं कि इन वीडियो में जो दिखते हैं, वो एक्टर होते हैं और उनके शरीर सर्जरी से सुडौल बनाए जाते हैं। कोई वैसा नहीं दिखना चाहेगा।

अयोग्यता की ये भावना, बच्चे के आत्मसम्मान को नुकसान पहुंचा सकती है, लेकिन उनके सेक्सुअल नाॅलेज के लिए सही होगा, जब वह असल जीवन में उस लेवल पर आ जाएंगे।

गुस्सा या परेशानी महसूस करने की बजाय इस मौके का उपयोग अपने बच्चे को सहमति के बारे में बताने, उसे एजुकेट करने में करें। जब सेक्सुअल अंतरंगता की बात आए, तो उसे अपने पार्टनर के प्रति सम्मान और प्रेम करने के लिए तैयार करें।

बातचीत का रास्ता खुला रखने और अपने साथी को सुनने के लिए भावनात्मक अंतरंगता उतनी ही महत्वपूर्ण है। उसे बताएं कि पॉर्न में बातचीत की कोई जगह नहीं है, यह एक एजुकेशनल टूल नहीं है।

सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण मैसेज जो आप अपने बच्चे को दे सकते हैं, वो ये है कि उन्हें ये कहें कि सेक्स कोई गंदा शब्द नहीं है, इसलिए शर्मिन्दा होने की जरूरत नहीं। वो आपसे बात करें और सवाल पूछें और अपनी भावनाओं को साफ करें।

हालांकि इस बात पर कोई ठोस रिसर्च नहीं है कि पॉर्न शारीरिक रूप से बच्चों पर प्रभाव डालता है या नहीं, लेकिन बच्चे के आत्मसम्मान पर इसका असर जरूर दिखाता है, जो ये बताने के लिए पर्याप्त है कि वो रिश्तों को कैसे देखते हैं?

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