अशाेेेक यादव, लखनऊ। राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के यह दावा करने के एक दिन बाद कि राज्य में अशोक गहलोत सरकार कुछ विधायकों के उनके साथ जाने के बाद अल्पमत सरकार में बदल गई है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने सोमवार को विधायक दल की बैठक में ताकत दिखाई और मीडिया के सामने लगभग 109 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया। गहलोत ने मीडिया के सामने सभी विधायकों की परेड करवाई।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को स्पष्ट रूप से कहा, “कांग्रेस पार्टी में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।”
हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी ने पायलट और उनके विधायकों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं। सुरजेवाला ने कहा, “अगर परिवार में कोई नाराज होता है, तो परिवार का मुखिया इस मुद्दे को हल करने की कोशिश करता है। तो, मैं यहां हमारी नेता सोनिया गांधी की ओर से यह सुनिश्चित करने के लिए हूं कि हमारी पार्टी एकजुट रहे।”
कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री के आवास पर जुटे और विश्वास जताया कि उनकी सरकार सुरक्षित हाथों में है। मीडिया के सामने नारे लगाए गए और विक्ट्री साइन दिखाए गए। गहलोत के साथ अन्य मंत्री भी एकजुट होकर जोर से बोले, “हम साथ हैं।”
कांग्रेस पदाधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि पायलट की गणना गलत साबित होती मालूम पड़ रही है और उन्होंने आनन-फानन में बयान जारी कर दावा किया है कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है जो सच नहीं है। ऐसा लगता है कि उनके पास 15 विधायक ही हैं, यानी उनके पास पर्याप्त संख्या नहीं है।
कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि वह महीनों तक इंतजार करने के लिए तैयार नहीं थे और इसलिए उन्होंने सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की। इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करेगी और राज्य की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए उनके आदेशों का इंतजार करेगी।
पूनिया ने कहा, “हमारी अपनी रणनीतियां होंगी लेकिन हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि कांग्रेस सत्ता में वापसी न करे क्योंकि पार्टी लोगों के बीच अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है।” उन्होंने कहा कि हम सचिन पायलट का समर्थन करना पसंद करेंगे लेकिन यह सुनिश्चित करेंगे कि कांग्रेस फिर से सत्ता पर काबिज न हो।