अशाेेेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित एक शेल्टर होम में 57 लड़कियों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने का मामला गुरुवार को उच्चतम न्यायालय पहुंच गया। याचिकाकर्ता ने इन संक्रमित लड़कियों को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का अनुरोध किया है।
तमिलनाडु के अनाथालय में बच्चों के साथ हो रहे शोषण को लेकर स्वत: संज्ञान मामले में न्याय मित्र बनायी गयी वकील अपर्णा भट ने यह याचिका दायर की है। शीर्ष अदालत ने ऐसे मामलों में उन्हें याचिका दायर करने या किसी प्रकार की सलाह देने की अनुमति दी हुई है।
याचिकाकर्ता ने कानपुर के बालिका गृह में 57 नाबालिग लड़कियों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्वत: संज्ञान लेने की मीडिया रिपोर्ट देखने के बाद शीर्ष अदालत का रुख किया है। याचिका में कानपुर सहित देश के विभिन्न बालिका गृहों में इलाज की बेहतर सुविधाओं की मांग की गयी है।
याचिकाकर्ता ने चाइल्ड केयर सेंटरों में कोविड 19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए बेहतर सुविधाओं की व्यवस्था करने और शीर्ष अदालत के दिशा-निर्देशों को सख्ती से अमल कराने की मांग की है। ऐसी खबर है कि उन संक्रमित लड़कियों में से पांच गर्भवती हैं, जबकि एक एचआईवी संक्रमित।