अशोक यादव, लखनऊ। एक तरफ जहां दिल्ली के तब्लीगी जमात में शामिल रहे मुस्लिमों के कारनामों से देश अचंभित और आक्रोशित है। वहीं दूसरी ओर लखनऊ के तमाम मौलाना और मुस्लिम समुदाय कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ खड़ा है।
लाॅकडाउन के बीच 9 अप्रैल को शब-ए-रात पड़ रही है। ऐसे में सोमवार को शहर के तमाम धर्मगुरुओं और मौलानाओं ने बयान जारी कर लोगों से घरों में ही रहने और भीड़ न एकत्र करने की अपील की है।
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने अपने बयान में सभी से अपील की है कि शब-ए-रात के दिन भी कोई भीड़ के साथ कब्रिस्तान में ना जाए। सभी अपने घरों में रहकर ही इबादत करें। घरों में रहकर अपने मरहूमात के लिए इबादत करें। कलाम-ए-पाक की तिलावत करें।
ज्यादा से ज्यादा गरीबों की मदद कर और उनको दान कर अपने मरहूमात को सवाब पहुंचाएं। धर्मगुरू ने कहा कि आप सभी से गुजारिश है, 10 अप्रैल को सभी लोग रोजा रखकर अल्लाह तबारक ताला से दुआ करें।
शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने अपने बयान में कहा है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी लोग इस बार सब-ए-बरात का त्यौहार अपने घरों में मनाएं।
आप तमाम हजरात से गुजारिश है कि अपने मरहूम के लिए जो भी इशा ले सवाब करना हो, फातिहा देना हो, नजर करवाना हो, अपने घरों पर करें। जो हजरात से तवस्सूल करना हो, वह अपने घरों पर बैठकर करें। इसलिए कि जो महामारी फैली हुई है वह बहुत घातक है।
मौलाना ने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते ही यह वायरस स्वस्थ व्यक्ति में भी पहुंच जाता है। इस्लाम में कहा गया है कि एक इंसान की कीमत तमाम इंसान की कीमत के बराबर है।
जब इस्लाम एक इंसान की कीमत तमाम इंसानों की कीमत की अहमियत दे रहा है, तो हमको भी कब्रिस्तान, मस्जिद, दरगाह व कर्बला में नहीं जाना चाहिए।
इस वास्ते जो खाना-ए-काबा अल्लाह का घर है, वहां भी महामारी के इस वक्त सन्नाटा है। तमाम हजरात के पास मेरी आवाज जहां-जहां तक पहुंचे वह अपने घरों में रहे।
शिया धर्म गुरु मौलाना सैफ अब्बास ने भी लोगों से इस बार सब-ए-बरात घरों में ही मनाने की अपील की है। धर्मगुरू ने कहा, शब-ए-रात पर सैकड़ों लोग अपने घरों से निकलकर कब्रिस्तान जाते हैं।
मेरी अपील है कि इस बार ऐसा कतई न करें। जो इबादत करनी है, जो फातिहा पढ़नी है, जो भी इशाले सवाब करना है, वह सब घरों में बैठकर ही करें। 9 अप्रैल को घरों से बाहर न निकलें। अल्लाह सभी की इबादत कबूल करेगा।
टीले शाह मस्जिद के इमाम मौलाना फजले मन्नान ने सोमवार को एक बयान जारी कर लोगों से अपील की है कि वह सरकार और डाक्टरों के निर्देशो का पालन करें। इमाम ने कहा, शब-ए-बरात के मौके पर सभी लोग अपने घरों में रहकर मरहूम के लिए दुआ करें।
अल्लाह की इबादत करें। अपने मरहूम के साथ ही उनके लिए भी दुआ करें, जो इस दुनिया से चले गए हैं। अल्लाह से माफी मांगे और इस महामारी को जड़ से खत्म करने की दुआ मांगें।
अपने घरों में बैठकर कलाम-ए-पाक की तिलावत करें और दूसरे दिन शहरी का एहतिमाम करके नफिल रोजा जरूर रखें, साथ ही लोग दुआ करें। मेरी यही लोगों से अपील है की लोग कहीं भी किसी भी कब्रिस्तान में या मस्जिद में भीड़ ना लगाएं।
इमाम ने कहा, मैं लोगों से अपील करता हूं जो भी इस महामारी से पीड़ित हैं या बीमारी हैं, वह घरों से निकलकर डॉक्टर के पास जाएं और जांच कराएं जिससे कि महामारी लोगों के बीच न फैल पाए। आपके जो पड़ोसी हैं उनका भी ख्याल रखें।
बीमारी से बचाने के साथ ही उनके खाने-पीने का भी इंतजाम देखें जिससे कि कोई भूखा ना रह सके। इमाम ने कहा, डाक्टर, मीडिया और पुलिसकर्मी अपनी जान की परवाह न करते हुए लोगों की सेवा कर रहे हैं।
इसके लिए मैं सभी को मुबारकबाद देता हूं। साथ ही इस महामारी को जल्द खत्म करने के लिए अल्लाह से दुआ करता हूं।