राहुल यादव, लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव, राजेन्द्र कुमार तिवारी ने रविवार को प्रमुख सचिव, श्रम को निर्देश दिया कि कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु लॉकडाऊन की अवधि में देहाड़ी मजदूर एवं ऐसे अन्य श्रमिकों व अल्प आय वर्ग के व्यक्तियों को कोई समस्या न हो. यह सुनिश्चित किया जाय कि किराये के भवन में रह रहे देहाड़ी मजदूर एवं अन्य अल्प आय व्यक्तियों से भवन स्वामी आगामी माह का किराया न लें । ऐसे व्यक्तियों की विद्युत एवं जलापूर्ति निर्बाध रूप से सुनिश्चित की जाए तथा लॉक डाउन अवधि में इनके विच्छेदन न किए जाय । लॉकडाउन अवधि में कर्मचारियों द्वारा work from home किया जा रहा है, इसलिए उनका पूरा वेतन व मजदूरी आगामी माह के प्रथम सप्ताह में वितरित कर दिया जाए ।
मुख्य सचिव, राजेन्द्र कुमार तिवारी ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी व पुलिस आयुक्त व पुलिस अधीक्षक को कहा कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत घोषित लॉकडाऊन के दौरान अन्य राज्यों में कार्य करने वाले प्रदेश के निवासी वापस अपने मूल जनपदों में आ रहे हैं, ऐसे व्यक्तियों को जन-सामान्य से पृथक रखा जाये ताकि महामारी को फैलने से रोका जा सके । ऐसे व्यक्तियों को सीधे उनके घर ले जाने के स्थान पर धर्मशालाओं , हास्टलों इत्यादि में क्वारंटाईन करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये तथा वहां उनका चिकित्सीय परीक्षण करवाया जाये तथा खान-पान इत्यादि की भी व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए उन्हें क्वारंटाईन अवधि के उपरान्त ही उनके गाँव व निवास स्थलों पर जाने की अनुमति दी जाये ।
नोडल अधिकारी निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित करें : मुख्य सचिव
जिलाधिकारी जनपद में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की नियमित समीक्षा सुनिश्चित करें तथा आवश्यक वस्तुओं की दरों का अधिकतम मूल्य निर्धारित कर वस्तुओं की जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी पर अंकुश लगायें । सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए ईंट – भट्ठों को चालू रखा जाये तथा वहां कार्य कर रहे श्रमिकों हेतु खान – पान एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की व्यवस्था की जाये । जनपद में दवाओं की आपूर्ति की भी नियमित समीक्षा की जाये तथा दवाओं की आवश्यकता होने पर अविलम्ब प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को अवगत कराया जाये।